सिद्धार्थनगर। जनपद की डुमरियागंज तहसील की नगर पंचायत बढ़नी चाफा में आयोजित भगवती जागरण कार्यक्रम में जमकर हंगामा हो गया। यहाँ बीजेपी सांसद और बीजेपी के ही नगर पालिका अध्यक्ष के समर्थक आपस में भिड़ गए। कुछ देर दोनों के समर्थकों में एक दूसरे के सामने नारेबाजी हुई, हंगामा बढ़ता देख पुलिस को मंच पर जाना पड़ा और सांसद को सुरक्षा के बीच मंच से नीचे उतारा गया।
मामला ज़िले की बढ़नी चाफा नगर पंचायत से जुड़ा है। बढ़नी चाफा नगर पंचायत में शनिवार की रात भगवती जागरण कार्यक्रम का आयोजन था। कार्यक्रम के दौरान बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल वहां अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए। सांसद अपने समर्थकों के साथ मंच पर जा रहे थे। इस दौरान बढ़नी चाफा के नगर पंचायत अध्यक्ष और बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता धर्मराज वर्मा के समर्थकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस पर सांसद के समर्थकों व नगर पंचायत अध्यक्ष के समर्थकों में कहासुनी होने लगी।
सांसद ने आपत्ति जताई कि यह किसी का निजी कार्यक्रम नहीं है। ऐसे में उनके लोगों को रोका नहीं जा सकता है। इसे लेकर दोनों पक्षों में जमकर कहासुनी हुई और इससे संबंधित वीडियो वायरल हो गया। सांसद के समर्थकों ने जगदम्बिका पाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे लगाए तो दूसरी तरफ से जय श्री राम के नारे लगने लगे। हंगामा इतना बढ़ा कि पुलिस को मंच पर जाना पड़ा और सांसद को सुरक्षा के बीच मंच से उतारना पड़ा।
जिसके बाद सांसद वहां से चले गए। हंगामे के बीच सांसद जगदम्बिका पाल मंच पर पहुंचे और भगवती जागरण में शामिल लोगों को अपनी तरफ से कुछ भेंट देकर मंच से नीचे उतर गए। सांसद के मंच से नीचे उतरने के बाद कुछ लोगों ने बढ़नी चाफा व बलरामपुर सड़क की समस्या को लेकर हूट करने की भी कोशिश की, लेकिन तब तक सांसद और उनके समर्थक जा चुके थे। देखे वायरल वीडियो-
सांसद जगदम्बिका पाल ने बाद में बताया कि मुझे मंच पर जाने से किसी ने नहीं रोका। मैं कार्यक्रम में आमंत्रित था। ऐसे कार्यक्रमों में किसी के रोकने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने बताया कि मैं मंच पर गया और वहां के लोगों को जागरण के लिए 5100 रुपये की भेंट देकर चला आया। सांसद ने स्वीकारा कि कुछ लोगों ने उनके समर्थकों को कार्यक्रम में जाने से ज़रूर रोका था।
दूसरी तरफ बढ़नी चाफा के नगर पंचायत अध्यक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता धर्मराज वर्मा ने बताया कि भगवती जागरण कार्यक्रम में किसी को आमंत्रित नहीं किया गया था। सांसद व उनके लोग कहीं से सुनकर कार्यक्रम में पहुंच गए थे। बाद में जब वह मंच की तरफ जाने लगे तो उन्हें रोका गया लेकिन वह माने नहीं। वह हंगामा करते हुए मंच पर पहुंच गए। स्थिति ऐसी हुई कि पुलिस के लोगों को बुलाना पड़ा और सांसद को मंच से उतारना पड़ा।
राजनीतिक हलकों में इस विवाद को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में टिकट से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमे इस सीट से टिकट के एक अन्य प्रबल दावेदार के समर्थकों द्वारा ही विरोध किये जाने की बात कही जा रही है।