मुजफ्फरनगर । कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों में लखनऊ में बैठे औषधि विभाग के उच्च अधिकारियों के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त है। लखनऊ का औषधि प्रशासन नकली एवं नशीली दवा माफियाओं पर है, मेहरबान, मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायतों पर कोई भी आख्या नहीं लगाते है।
जिला परिषद मार्केट में मुजफ्फरनगर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मीटिंग तायल मेडिकोज पर आयोजित की गई, इसमें दवा व्यापार में आ रही समस्याओं को लेकर सभी पदाधिकारियों ने अपने विचार विमर्श प्रकट किए, तदुपरांत औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी 1 माह की छुट्टी पर जाने के कारण जो दवा व्यापारियों को परेशानियां आ रही हैं और उनके जो कार्य रुके हुए हैं इसके लिए शीघ्र अति शीघ्र किसी भी अन्य औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी को अस्थाई चार्ज मिलना चाहिए, इसके लिए सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्र के द्वारा ड्रग अधिकारियों को निर्देशित किए जाने का आग्रह भी किया और माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा सभी औषधि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया था की ड्रग नशा माफियाओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो लेकिन नशे कारोबारी धड़ल्ले से अपने कार्य में लिप्त हैं और धड़ल्ले से नशा कारोबार चल रहा है आए दिन पुलिस नशा तस्करों को गिरफ्तार करके पुलिस जेल भेजती है परंतु बड़ी मछलियां फिर भी बच जाती हैं।
क्योंकि खानापूर्ति करके ड्रग माफियाओं को बचा लिया जाता है, संगठन के संरक्षक डॉ आर के गुप्ता ने कहा कि मैकलियोडस फार्मास्यूटिकल कंपनी के प्रतिनिधि के द्वारा जो कपूर मेडिकल संस पर कानपुर में एफ आई आर दर्ज हुई थी, उसके बारे में क्या कार्रवाई की गई, ओ०सी०डी० यूपी (रजि०) के प्रदेश महामंत्री सुभाष चौहान ने इस पूरे प्रकरण के मामले में संगठन के पदाधिकारियों को विस्तार से बताया की कानपुर मैक्लोड्स फार्मास्यूटिकल दवा कंपनी के बारे में जो शिकायत की गई थी उसमें जांच अधिकारी ने गत दिनांक तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है और संगठन मंत्री ने एक पत्र जो आजमगढ़ से वायरल हो रहा है, जिसमें वहां के तथाकथित महामंत्री, जो ट्रस्ट का पदाधिकारी है, वह भी नशे के मामले में पूर्णतया लिप्त है, जिसको पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रशासन के द्वारा नोटिस भी भेज दिया गया है, ऐसे नशा माफियाओं ने ट्रस्ट संगठन बना रखे हैं, जिससे कि उनके खिलाफ भी कोई अधिकारी कार्रवाई ना हो सके>
शासन में बैठे उच्च अधिकारियों को इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और जितने भी जल्दी हो सके नारकोटिक्स दवाइयों की जो हेराफेरी कर रहे हैं, उनके खरीद-फरोख्त की जानकारी करते हुए सख्त से सख्त कानूनी करवाई की जानी चाहिए क्योंकि यह आम जनमानस के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है लाखों युवाओं को ऐसे नशा माफिया नशे के दलदल में धकेल रहे हैं और नकली दवा बेचने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए।