वाराणसी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं वाराणसी लोकसभा प्रत्याशी अजय राय ने भारतीय जनता पार्टी की अयोध्या में हार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भाजपा की हार ने साबित कर दिया कि धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल लोकतंत्र को अमान्य है। अजय राय ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा कि अयोध्या में भाजपा की हार ने साबित कर दिया कि धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल लोकतंत्र को अमान्य है।
उन्होंने कहा कि सत्ता बल की धौंस और भारी धन बल के निवेश के मुकाबले काशी की महान जनता ने जन समर्थन का जितना आशीर्वाद मुझे दिया है, वह सत्ता के शीर्ष दुर्ग के खिलाफ मेरी नैतिक जीत है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की कृपा और काशीवासियों से मिले इस प्रेम का मैं जीवन की अंतिम सांस तक ऋणी रहूंगा और मेरा जीवन काशी की सेवा को सतत समर्पित रहेगा। काशी ने मुझे जिस तरह दस लाख पार के दंभी नारे को औंधे मुंह कर भारी जनसमर्थन दिया, वह मेरी हार में भी जीत है। मैं और इंडिया दलों के हमारे साथी इस लोकतांत्रिक युद्ध में निहत्थे पैदल थे। दूसरी ओर सत्ता की चकाचौंध एवं संसाधनों का सैलाब था। मंत्रियों से लेकर राज्यपालों तक की फौज मेरे खिलाफ काशी में घर घर घूम रही थी।
धन एवं सत्ता शक्ति के जबरदस्त निवेश के बावजूद संकीर्ण जीत पाने में शीर्ष सत्ता नायक के दांत काशी की जनता ने खट्टे कर दिये। इंडिया दलों के जांबाज कार्यकर्ता साथियों के साथ वाराणसी की जनता ने मेरा चुनाव खुद को ही अजय राय मानकर लड़ा। उनके इस विश्वास का मैं ऋणी हूं और हर सुख दुख में उनके साथ खड़ा रहूंगा। उन्होंने कहा कि हम मां गंगा की विनम्र संतान हैं और इस चुनाव में मां गंगा का संकेत साफ है कि काशी के सम्मान और हितों के विरुद्ध राजनीति काशी को गंवारा नहीं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मैं कांग्रेस एवं सपा की जीत के साथ इंडिया गठबंधन की भारी सफलता से अभिभूत हूं। प्रदेश की जनता का हृदय से आभारी हूं।
उत्तर प्रदेश की जनता ने चार लाख मतों से राहुल गांधी को जिता कर और नरेंद्र मोदी को डेढ़ लाख से कम वोटों से जीतने में पसीने छुड़ा कर यह सिद्ध कर दिया कि भारत मां की अपूर्व प्रदक्षिणा करने वाले राहुल गांधी नरेंद्र मोदी से बहुत बड़े जननायक हैं।