काली मिर्च छोटी-सी होने पर भी अनेक औषधीय गुणों से भरपूर है। यह हमारी घरेलू चिकित्सक भी है।
जुकाम होने पर काली मिर्च, मिश्री या बताशे को दूध में मिला कर पिएं।
बदहजमी में नींबू के टुकड़ों को तवे पर हल्का-सा गर्म करें। उसके ऊपर काली मिर्च व काला नमक डालकर चूसें, राहत मिलेगी। दाद, खाज, खुजली, फोड़े, फुंसी आदि के लिए काली मिर्च को घी में पीसकर रोगयुक्त स्थान पर इसका लेप करें। दो-तीन बार प्रयोग करने से फुंसियां दब जाएंगी।
यदि आपका गला बैठ गया है तो 8-10 काली मिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें।
पानी में काली मिर्च उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन कम हो जाती है।
यदि खांसी काफी पुरानी हो गई हो तो काली मिर्च और मिश्री को मलाई के साथ खाएं, आराम मिलेगा।
काली मिर्च को पानी में घिसकर बालतोड़ वाली जगह पर लगाने से भी लाभ होता है।
यदि पेट में कीड़े हैं तो दिन में दो-तीन बार काली मिर्च के चूर्ण में मिश्री मिलाकर धीरे-धीरे चबाएं।
यदि आपकी पाचन शक्ति कमजोर हो गई हो तो जीरा, सौंठ, सेंधा नमक, पीपल, काली मिर्च सब बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना कर रख लें। भोजन के पश्चात् एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ लें। धीरे धीरे आपकी पाचन शक्ति में वृद्धि होने लगेगी।
-शैली माथुर