मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) को करारा झटका देते हुए वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरे शुक्रवार को सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना में शामिल हो गईं।
तीन दशकों से अधिक समय तक शिवसेना (यूबीटी) के साथ रहे डॉ. गोरे का निर्णय पार्टी की प्रवक्ता डॉ. मनीषा कायंदे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के बमुश्किल तीन सप्ताह बाद आया।
शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने डॉ. गोरे का शिवसेना में स्वागत किया।
शिवसेना में प्रवेश पर उन्होंने कहा कि शिंदे सही रास्ते पर हैं और अदालत के फैसले के मुताबिक पार्टी उनकी है।
राजनीतिक गलियारों में पिछले पांच महीनों से डॉ. गोरे के राजनीतिक कदमों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था।
हालांकि, विपक्ष के नेता अंबादास दानवे सहित शिवसेना (यूबीटी) के शीर्ष नेताओं ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया था।