मथुरा। थाना कोसीकलां क्षेत्र अंतर्गत नंदगांव रोड स्थित सतगुरु सिद्ध आश्रम में मंगलवार दोपहर खून से लथपथ साधु का शव आश्रम के सोफे पर पड़ा मिला। शव के पैर बंधे हुए थे, सिर को ईंट से कूचा गया था। साधु के आश्रम से न निकलने पर जब ग्रामीण आश्रम गए, तो घटना का पता चला। उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ जांच-पड़ताल की। मामले की जानकारी पर एसएसपी शैलेश पांडे भी घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने हत्यारोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस की चार टीमें लगाई हैं। जल्द हत्याकांड के खुलासे की बात कही।
संत हरिदास पहले दिल्ली में रहते थे, लेकिन 20 साल पहले वह ब्रज आ गए और सतगुरु सिद्ध आश्रम में रहने लगे। वह आश्रम में अकेले रहते थे और भजन-पूजा करते थे। दिन में गांव के लोग और अन्य साधु आश्रम में आते थे। कभी-कभी रात में कोई राहगीर यहां रुक भी जाता था।
मंगलवार दोपहर तक संत हरिदास आश्रम से नहीं निकले। वह गांव में भोजन लेने भी नहीं गए, तो ग्रामीणों को कुछ अनहोनी की आशंका हुई। इसके बाद राम भरोसे और कन्हैया लाल गांव के कुछ लोगों के साथ आश्रम पहुंचे। उन्होंने देखा कि एक कमरे में संत हरिदास का शव लहूलुहान पड़ा था। उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। थाना कोसीकलां प्रभारी अनुज कुमार सहित एसएसपी शैलेश पांडे, एसपी देहात त्रिगुण बिसेन भी मौके पर पहुंचे। एसएसपी ने स्वयं लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने वारदात के खुलासे के लिए एसओजी, सर्विलांस, कोसी पुलिस के अलावा स्वाट टीम को लगाया गया है। वहीं, पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
एसएसपी शैलेश पांडे ने बताया कि वारदात का जल्द खुलासा किया जाएगा। हत्या के कारणों का पता नहीं चला है। जिन लोगों ने भी वारदात को अंजाम दिया है या किसी भी तरह से इन्वॉल्व हैं, उनको गिरफ्तार किया जाएगा।
10 साल पहले दान में मिली थी जमीन
20 साल पहले दिल्ली से मथुरा आए संत हरिदास पहले गांव जाव के आसपास रहते थे। दस साल पहले जाव गांव के रहने वाले अशोक पंडित ने उनको करीब 300 बीघा जमीन दान में दे दी। जिस पर सहयोग से आश्रम बनवा लिया। बाबा आश्रम में अकेले रहते थे और वहां बने हनुमान मंदिर और शिव मंदिर में पूजा अर्चना करते थे।