Friday, January 24, 2025

सर्राफा बाजार : सोना और चांदी ने लगातार दूसरे दिन तेजी की चाल पकड़ी

नई दिल्ली। नवरात्रि के तीसरे दिन आज एक बार फिर घरेलू सर्राफा बाजार में तेजी का रुख बना हुआ नजर आया। सोना और चांदी दोनों ही चमकीली धातुओं ने आज तेजी की चाल पकड़ी। आज के कारोबार में सोने की कीमत में 280 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ज्यादा की तेजी दर्ज की गई। इसी तरह चांदी भी आज के कारोबार में उछल कर 69,500 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गयी।

इसके पहले पिछले कारोबारी दिन यानी गुरुवार को सोना का अंतिम बंद भाव 59,086 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा था। आज के कारोबार में इस चमकीली धातु में 284 रुपये की मजबूती दर्ज की गई। अलग-अलग श्रेणियों में सोने ने आज 284 रुपये प्रति 10 ग्राम से लेकर 167 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की तेजी दिखाई। दूसरी ओर, चांदी भी आज के कारोबार में 392 रुपये प्रति किलोग्राम तक उछल गया।

इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक घरेलू सर्राफा बाजार में आज कारोबारी सोना यानी 24 कैरेट (999) सोने की औसत कीमत 284 रुपये की तेजी के साथ चढ़ कर 59,370 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) हो गई। इसी तरह 23 कैरेट (995) सोने की कीमत भी 283 रुपये की मजबूती के साथ 59,132 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) हो गई। जेवराती यानी 22 कैरेट (916) सोने की कीमत में आज 260 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़त दर्ज की गई।

इसके साथ ही 22 कैरेट सोना 54,383 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा 18 कैरेट (750) सोने की कीमत आज प्रति 10 ग्राम 213 रुपये उछल कर 44,528 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गई, जबकि 14 कैरेट (585) सोना आज 167 रुपये महंगा होकर 34,732 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया।

सोने की तरह ही आज चांदी की कीमत में भी तेजी का रुख नजर आया। आज के कारोबार में चांदी (999) की कीमत में 392 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़त दर्ज की गई। आज की तेजी के कारण इस चमकीली धातु की कीमत पिछले कारोबारी दिन यानी गुरुवार के आखिरी बंद भाव 69,136 रुपये प्रति किलोग्राम से उछल कर 69,528 रुपये प्रति किलोग्राम (अस्थाई) के स्तर पर आ गई।

जानकारों का मानना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जारी उथल पुथल की वजह से इंटरनेशनल गोल्ड मार्केट में लगातार उतार चढ़ाव बना हुआ है। इसका असर भारतीय सर्राफा बाजार के कारोबार पर भी पड़ रहा है। इस वजह से घरेलू बाजार में निवेश करना जोखिमपूर्ण हो गया है। ऐसी स्थिति में छोटे और खुदरा निवेशकों को काफी सतर्क होकर मार्केट की चाल पर नजर रखते हुए ही अपनी निवेश योजना को आखिरी रूप देना चाहिए।

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