Tuesday, May 21, 2024

अमरनाथ यात्रा को ‘स्वच्छ’ तीर्थ यात्रा बनाने का अभियान

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नयी दिल्ली। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि इस बार वार्षिक अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए कूड़ा-कचरा से मुक्त, स्वच्छतापूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत कई पहल की गयी है।

मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार जम्मू-कश्मीर में अमरनाथजी गुफा मार्ग में साफ-सफाई की सुविधाओं के साथ-साथ मजबूत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियां लागू की जा रही हैं और यह यात्रा पर्यावरण के प्रति जागरूक तीर्थयात्रा का रूप ले रही है। इस साल एक जुलाई से बाबा बर्फानी की यात्रा शुरू होगी और 31 अगस्त तक चलेगी।

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दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री वहां पहुंचते हैं, जिसके कारण भारी मात्रा में कचरा भी पैदा होता है। इस प्रसिद्ध तीर्थ स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए एक प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों की आवश्यकता महसूस होती है।

इस बार कुशल कचरा प्रसंस्करण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जम्मू और कश्मीर में 10 शहरी स्थानीय निकायों में 12 मई को नौ ठोस कचरा प्रबंधन सुविधाओं का उद्घाटन किया गया है। यह उल्‍लेखनीय है कि इनमें से तीन यूएलबी- काजीगुंड, सुंबल और गांदरबल यात्रा मार्ग के अंतर्गत आती हैं। इन सेवाओं से 40 टन से अधिक कचरे की रोजाना प्रोसेसिंग की जाएगी। गीले कचरे के प्रसंस्करण के लिए कम्‍पोस्‍ट खाद के गड्ढे भी उपलब्ध कराए गए हैं।

इस बार पहले से अधिक पूर्वनिर्मित शौचालय लगाए गए है। स्वच्छता कर्मचारियों तथा स्वच्छग्राहियों की संख्या भी बढ़ाई गयी है। इसके अलावा यात्रा मार्ग में यात्रों से पूर्व साफ-सफाई करना, सेप्टिक टैंकों की साफ-सफाई, स्वच्छता दलों का गठन, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति और अन्‍य पहलें शामिल हैं।

वर्ष 2022 में अमरनाथ यात्रा के दौरान शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) ने बेहतर साफ-सफाई के लिए यात्रा मार्ग में कुल 127 शौचालय, 119 पेशाबघर और 40 स्नानघर स्थापित किए थे और उनका रखरखाव भी किया था। इसके अलावा यूएलबी ने इस यात्रा के दौरान 780 से अधिक अन्‍य शौचालयों का भी रखरखाव किया था। शत-प्रतिशत कचरा संग्रह करने के लिए यूएलबी ने दैनिक आधार पर 10 जुड़वां डिब्बों वाले वाहनों का भी उपयोग किया था। ऐसे 145 जुड़वां डिब्बे कचरा अलग-अलग करने की सुविधा के लिए सभी शिविरों में स्थापित किए थे। सैनिटरी कचरे के निपटान के लिए महिला शौचालय के बाहर निर्दिष्ट काले कूड़ेदान रखे गए थे। पिछले वर्ष यात्रा के दौरान लगभग 150 टन गीला कचरा, 130 टन सूखा कचरा और 10-12 टन प्लास्टिक कचरा पैदा हुआ था। इस पैदा हुए कचरे के निपटान के लिए यूएलबी ने यात्रा के दौरान प्रतिदिन 14 ‘डी-स्लजिंग’ वाहनों को आपात स्थिति में उपयोग के लिए अतिरिक्त वाहनों के साथ तैनात किया था। यूएलबी द्वारा कुल 2596 किलो लीटर सेप्टेज को हटाकर उसका सफलतापूर्वक निपटान किया गया था।

साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए रखने के लिए यूएलबी ने आवास क्षेत्रों और उनके आसपास की सड़कों तथा अन्य प्रतिष्ठानों में 231 सफाई कर्मचारियों को तैनात किया था। इन कामगारों को उपयुक्त यूनिफार्म, पीपीई किट, दस्ताने, गम बूट, मास्क और झाडू आदि उपलब्‍ध कराये गए थे।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि ट्यूलिप (द अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप प्रोग्राम) कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अनेक स्वच्छ-ग्राहियों को यात्रा के दौरान आवास क्षेत्रों में तैनात किया गया था। शौचालयों, लंगरों/भण्‍डारों में क्यूआर कोड के माध्यम से ट्यूलिप के कर्मियों ने यात्रियों से स्‍वच्‍छता के बारे में फीडबैक भी लिया। यात्रियों के लिए विशेष सेल्फी पॉइंट भी स्थापित किए गए थे।

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