नई दिल्ली । पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले की जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने गुरुवार की पहली बैठक के बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अपनी सफाई देने के लिए 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे बुलाया है। इसके साथ ही कमेटी ने आईटी और गृह मंत्रालय को चिट्ठी भेजकर उनसे भी इस मामले की डिटेल मांगी है।
सूत्रों के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर कमेटी विदेश मंत्रालय से भी जानकारी मांग सकती है। लेकिन, इससे पहले गुरुवार को एथिक्स कमेटी की बैठक में निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई की गवाही के दौरान कमेटी के सदस्यों (सांसदों) के बीच भी नोक-झोंक हुई।
सूत्रों के मुताबिक, कमेटी की बैठक के दौरान चेयरमैन और सभी सदस्यों ने महुआ मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों को काफी गंभीर माना। हालांकि, निशिकांत दुबे की गवाही के दौरान विपक्षी दल के सांसद ने निशिकांत दुबे को क्रॉस एक्जामिन करते हुए यह पूछ लिया कि क्या उन्होंने निजी कारणों से महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत की है और उनकी डिग्री को लेकर लग रहे आरोपों का सच क्या है?
बैठक में मौजूद एक सांसद ने बताया कि दुबे ने अपनी डिग्री के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए यह कहा कि इस मामले में उन पर मुकदमा तक दर्ज हो गया था। लेकिन, कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया। कुछ लोग अभी भी इसे मुद्दा बनाकर सड़क पर खड़े होकर चिल्ला रहे हैं। दुबे ने तो यहां तक कहा कि उनकी डिग्री पर सवाल उठाने वाले लोग क्या खुद को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा मानते हैं?
दुबे से जय अनंत देहाद्राई और दर्शन हीरानंदानी के साथ उनके संबंधों और बातचीत को लेकर भी सवाल पूछा गया। सूत्रों के मुताबिक, अपनी गवाही देने के बाद जय अनंत देहाद्राई को बैठक से बाहर जाने दिया गया। लेकिन, कुछ ही देर बाद कुछ सदस्यों के अनुरोध पर उन्हें फिर से बुलाकर क्रॉस एक्जामिन किया गया।
सूत्रों की माने तो बैठक में चेयरमैन विनोद सोनकर ने महुआ मोइत्रा की हरकत को शर्मनाक बताया। मामले की जल्द जांच कर इसकी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र से पहले सौंपने की बात कहते हुए बैठक में महुआ मोइत्रा को जल्द ही कमेटी के सामने बुलाने पर चर्चा हुई, हालांकि कई सांसदों ने व्यस्तता का हवाला देते हुए इसे टालने की कोशिश की। लेकिन, ज्यादातर सांसदों की राय के आधार पर महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को बुलाने का फैसला किया गया।
निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई की गवाही को सुनने के बाद एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने कहा कि विषय की गंभीरता को देखते हुए कमेटी ने यह तय किया है कि महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को बुलाकर उन्हें अपना बचाव करने का मौका दिया जाए। साथ ही साथ कमेटी ने यह भी निर्णय लिया है कि इसमें आईटी और गृह मंत्रालय को चिट्ठी भेजकर उनसे इस मामले की भी डिटेल मांगी जाए।
मीडिया से बात करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि कमेटी के सभी सदस्यों ने भी इस मामले को गंभीर माना और मुद्दा उनकी डिग्री का नहीं, बल्कि इस बात का है कि महुआ मोइत्रा चोर है या नहीं ? उन्होंने कहा कि कमेटी भविष्य में भी जब भी उन्हें बुलाएगी, वो कमेटी के सामने पेश होकर अपना जवाब देंगे।