Tuesday, April 22, 2025

यूपी विधानसभा में विधायक अब कभी भी लगा सकेंगे सवाल, बुधवार को होंडा प्रदेश का बजट पेश

लखनऊ | उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दोनों सदनों में दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव मौजूद रहे। इस मौके पर यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे केसरी नाथ त्रिपाठी के राजनीति में योगदान को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।सदन बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।बुधवार को प्रदेश का बजट भी पेश किया जायेगा।

इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि  विधायक 24 घंटे में कभी भी अपने प्रश्न को ऑनलाइन पोर्टल पर लगा सकते हैं। पहले 5 बजे तक ही प्रश्न लगाया जा सकता था। विधानसभा में एक हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई। इस पर विधायक अपनी समस्या रख सकते हैं।

विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन वर्तमान विधानसभा के सदस्य राहुल प्रकाश कोल तथा केशरी नाथ त्रिपाठी समेत 15 पूर्व सदस्यों के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया।

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सीएम योगी ने बताया कि वर्तमान विधानसभा के सदस्य राहुल प्रकाश कोल का दो फरवरी को 40 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे युवा राजनीतिज्ञ थे। कोल छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे। वे 2017 व 2022 में सदन के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए।

अत्यंत विनम, व्यवहारकुशल व समर्पित जननेता होने के साथ ही अपने विधानसभा क्षेत्र, गरीबों-वंचितों और वनवासी क्षेत्र के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहे। सेवा भाव के कारण अपने क्षेत्र में अत्यंत ही लोकप्रिय जननेता के रूप में उभर रहे थे। राहुल कोल के निधन से प्रदेश ने युवा नेता व कुशल राजनीतिज्ञ को खो दिया है। उनका निधन समाज की अपूर्णनीय क्षति है।

सीएम ने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के निधन पर भी शोक जताया। 8 जनवरी 23 को 88 वर्ष की अवस्था में उनका निधन हो गया था। केशरी नाथ त्रिपाठी ने प्रारंभिक जीवन की शुरूआत अधिवक्ता के रूप में की थी। वे 1977 में जनता पार्टी से झूंसी, 1989, 1991, 1993, 1996 व 2002 में भाजपा से प्रयागराज से विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। वे रामनरेश यादव मंत्रिमंडल के सदस्य भी रहे। 1991, 1997 व 2002 में तीन बार निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष बने। त्रिपाठी जुलाई 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। इसके अलावा बिहार, मेघालय व मिजोरम के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता व बार एसोसिएशन के अध्क्ष रहे। उन्होंने अनेक काव्य संग्रह की रचना की। उन्हें हिंदी गरिमा सम्मान, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान, वागीश्वरी समेत अनेक सम्मान दिए गए। यूपी हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। केशरी नाथ त्रिपाठी को उत्कृष्ट सेवा के लिए चाणक्य, भारत गौरव, यूपी रत्न, विकास पुरुष आदि कई उपाधियों से सम्मानित किया गया। उनका निधन यूपी के साथ भारतीय राजनीति के लिए अपूर्णीय क्षति है।

मुख्यमंत्री ने पूर्व सदस्यों कौशांबी से रामचरण त्रिपाठी, वाराणसी से अमरनाथ यादव, बांदा से जगन्नाथ सिंह परमार, अलीगढ़ से त्रिलोकीराम, अयोध्या से मथुरा प्रसाद तिवारी, संभल से ब्रजपाल सिंह, कन्नौज से विजय बहादुर पाल, संभल से सत्यप्रकाश, प्रयागराज से विक्रमाजीत मौर्य, बाराबंकी से सुंदरलाल दीक्षित, कासगंज-जसबीर सिंह, अलीगढ़- संजीव राजा, कन्नौज-बनवारी लाल दोहरे, कानपुर देहात-रामस्वरूप सिंह के दिवंगत होने पर भी श्रद्धासुमन अर्पित किया।

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