मेरठ। सीबीआई की टीम ने छावनी परिषद कार्यालय में 13 घंटे कार्रवाई की। कार्यालय में बड़ी संख्या में फाइलें और कंप्यूटर सीज किए गए।
सीबीआई के द्वारा सफाई निरीक्षक योगेश यादव की गिरफ्तारी के बाद कैंट बोर्ड ने अब उसके निलंबन की तैयारी शुरू कर दी है। कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार ने सीबीआई को पत्र लिखकर योगेश यादव के संबंध में वास्तविक स्थिति की जानकारी मांगी है। रिश्वत मामले का दूसरा आरोपी अभिषेक गंगवार शुक्रवार को भी कार्यालय में नहीं पहुंचा और न ही उसने फोन पर सीईओ से संपर्क किया।
बताया गया कि बृहस्पतिवार से ही उसका फोन भी स्विच ऑफ है। ऐसे में अभिषेक की अनुपस्थिति लगाई गई है। सीबीआई ने अभिषेक और योगेश यादव का घर सील कर दिया है।
सीबीआई की टीम ने छावनी परिषद कार्यालय में 13 घंटे कार्रवाई की। कार्यालय में बड़ी संख्या में फाइलें और कंप्यूटर सीज किए गए। टीम के द्वारा अभिषेक गंगवार के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है।
शिकायतकर्ता वरुण अग्रवाल ने बताया कि सीबीआई की टीम ने कार्रवाई के बाद उसे सुरक्षित घर छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि काफी समय से दुकान में शटर लगाने की एवज में अभिषेक और योगेश उनसे पैसे की मांग कर रहे थे। इसकी शिकायत सीबीआई से की गई थी।
सीईओ ज्योति कुमार ने बताया कि अभिषेक को बृहस्पतिवार को फोन पर संपर्क किया था। उसका कहना था कि वह फर्रुखाबाद से मेरठ आ रहा है। कुछ घंटों के बाद उसने फोन स्विच ऑफ कर लिया। छावनी परिषद के नियम अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
सफाई निरीक्षक योगेश यादव और अभिषेक गंगवार मिलकर वसूली करते थे। लालकुर्ती क्षेत्र में शिकायतकर्ता वरुण अग्रवाल की दुकान है, यह क्षेत्र अभिषेक गंगवार के अंतर्गत आता है। योगेश यादव की जिम्मेदारी सदर क्षेत्र की है। आरोप है कि दोनों मिलकर उगाही करते हैं।