गाजियाबाद। गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच करने पर निजी केंद्र संचालकों को अब 425 रुपये मिलेंगे। अभी तक शासन स्तर से तीन सौ रुपये मिल रहे थे। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर जांच करने का शुल्क शासन स्तर से बढ़ाया गया है।
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती की निजी केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड जांच करने पर पीपीपी मोड पर ई-रूपी वाउचर की वर्तमान दर में परिवर्तन किया गया है। सीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। महानिदेशक ने निर्देश दिए हैं कि परिवर्तित दर के अनुसार गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच के लिए 425 रुपये प्रति अल्ट्रासाउंड की दर से ई-रूपी वाउचर जारी कर, सूचीबद्ध निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों के माध्यम से अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
इसका एक कारण यह भी था कि जांच फीस कम होने से अभियान में निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक रुचि नहीं ले रहे थे। वह लगातार शुल्क बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे थे। इस मांग को जायज मानते हुए शासन स्तर से बढ़ा दिया गया है।