मुजफ्फरनगर। यूएपीए के तहत करीब ढाई साल से जेल में बंद अतीकुर्रहमान को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। मुजफ्फरनगर के गांव रियावली नगला निवासी केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष अतीकुर्रहमान को अक्टूबर 2020 में हाथरस जाते हुए मथुरा की मांट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
अतीकुर्रहमान के साथ गिरफ्तार हुए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर सितंबर 2022 में जमानत पर रिहा हो चुके हैं। मुजफ्फरनगर जनपद के थाना रतनपुरी क्षेत्र के गांव रियावली नगला निवासी अतीकुर्रहमान को मथुरा की थाना मांट पुलिस ने 5 अक्टूबर 2020 को हाथरस जाते हुए गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही केरला के मालापुरम निवासी पत्रकार सिद्दीक कप्पन, कार चालक मोहम्मद आलम और सीएफआई नेता मसूद खान को भी गिरफ्तार किया गया था।
20 दिसंबर 2019 को सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट को लेकर मुजफ्फरनगर में हिंसा भड़क उठी थी। इस मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई नेताओं का नाम सामने आया था। पीएफआई की छात्र संस्था केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष अतीक उर रहमान को लेकर भी पुलिस ने जांच की थी।
5 अक्टूबर 2020 को हाथरस जाते गिरफ्तारी के बाद सरकार ने अतीकुर्रहमान पर यूएपीए लगा दिया था। एटीएस नोएडा ने उनके विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। अतीक के मथुरा जेल में निरुद्ध रहने के दौरान पत्नी संजीदा रहमान ने पति को जेल से रिहा कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी। जेल में अतीक को दिल की बीमारी का उपचार दिलाने के लिए संजीदा रहमान को सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा।
संजीदा रहमान कहती है कि उसके पति निर्दोष हैं और वह कानून के रास्ते यह साबित भी करा देंगी। उन्होंने बताया कि लखनऊ हाईकोर्ट बेंच ने अतीक की जमानत मंजूर कर ली है। वह इस समय लखनऊ जेल में ही निरुद्ध है। उम्मीद है कि वेरिफिकेशन के बाद शीघ्र ही रिहाई हो जाएगी।