मुजफ्फरनगर। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात डीसी द्वारा बीएसए पर 25 लाख रुपये मांगने के आरोप लगाने के मामले में थाना सिविल लाइन पुलिस ने अपनी जांच शुरु कर दी है। थाना सिविल लाइन पुलिस ने डीसी व उसके परिवार व परिचितों के मोबाइल और खातों की जांच शुरु कर दी है। पुलिस ने डीसी के मोबाइल का डाटा रिकवर करा लिया है। उसके बाद पुलिस ने उसके मोबाइल की जांच शुरू कर दी है। बुधवार को डीसी को जिला अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया ।
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बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात डीसी विकास त्यागी निवासी इंद्रा कलोनी 18 अप्रैल को शाम के समय घर से बीएसए के आवास पर जाने की बात कहकर घर से निकला था। बताया गया था कि बीएसए संदीप कुमार ने उसे फोन करके बुलाया था , उसके कुछ समय पश्चात उसका मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया। घर वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने थाना सिविल लाइन में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। थाना सिविल लाइन पुलिस तभी से डीसी की तलाश में जुटी हुई थी।
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मोबाइल की लोकेशन महावीर चौक पर मिलने के कारण पुलिस असमंजस की स्थिति में पड़ गई थी। अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिस ने कई स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे को चैक किया था। एक स्थान पर डीसी रेलवे रोड पर ई रिक्शा में बैठकर जाते हुए दिखा भी था। पुलिस ने बीएसए कार्यालय में तैनात कई कर्मचारियों से पूछताछ भी की थी। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से मोबाइल को गत सोमवार को ऑफिसर कॉलोनी के पास से बरामद कर लिया था।
गत सोमवार रात डीसी नशे की हालत में अपने घर पहुंचे थे। उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी बीच डीसी की पत्नी प्रीति त्यागी ने बीएसए पर 25 लाख रुपये की डिमांड करने का आरोप लगाया था। रुपए न देने पर संविदा समाप्त कर झूठे आरोप में जेल भिजवाने की धमकी दी थी। प्रीति के मुताबिक विकास उस दिन घर से 14 लाख लेकर निकले थे। प्रीति का आरोप था कि इसी अवसाद में वह कई दिन से परेशान चल रहे थे ।
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थाना प्रभारी सिविल लाइन आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि डीसी व उसके नम्बर पर कॉल करने वाले सभी लोगों के मोबाइल की जांच की जाएगी। वही डीसी व उसकी पत्नी के बैंक खाते की जांच कर रही है। थाना प्रभारी आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि विकास के मोबाइल की जांच की गयी तो मोबाइल से व्हाट्सएप डिलीट मिला। उसके मोबाइल में व्हाट्सएप को रिकवर कर लिया गया है, अब जांच में पता चलेगा कि व्हाट्सएप पर किसने या क्या चेटिंग की है। बीएसए पर लगाए गए आरोपों की भी जांच की जा रही है। उनके बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा है। यह भी जानकारी मिली कि बीएसए कार्यलय में तैनात कुछ कर्मचारियों ने भी अपने व्हाट्सएप को डिलीट कर दिया है।
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बीएसए संदीप कुमार का कहना है कि पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। उन पर जो भी आरोप लगाए जा रहे, वह बेबुनियाद हैं। सभी चीजें आफिस के कैमरों में रिकार्ड रहती है। यह संविदा समाप्त करने का आरोप लगा रहा है जबकि दो महीने पहले मैंने ही उसका नवीनीकरण किया था। 25 हजार की सैलरी वाले कर्मचारी से 25 लाख की डिमांड कैसे की जा सकती है। विभाग को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।