मुजफ्फरनगर। जनपद में लगभग दस साल पहले 27 अगस्त 2013 को कवाल में तीन हत्याओं के बाद जिले में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था, जिसके उपरांत एक के बाद पंचायतों का आयोजन किया गया था। जिसके परिणाम स्वरूप सात सितंबर 2013 को जनपद में दंगा भड़क गया था।
30 अगस्त को शहर कोतवाली क्षेत्र के शहीद चौक खालापार में जुमे के दिन एक सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें तत्कालीन डीएम कौशलराज शर्मा और एसएसपी सुभाष चंद दुबे को मुस्लिम नेताओं ने ज्ञापन दिया था, जिसके उपरांत शहर कोतवाली पुलिस ने शहीद चौक पर हुई सभा के मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व गृहराज्यमंत्री सईदुज्जमां, तत्कालीन बसपा सांसद कादिर राणा, तत्कालीन बसपा विधायक नूरसलीम राणा और मौलाना जमील सहित सलमान सईद, तत्कालीन सभासद एड. असद जमां, नौशाद कुरैशी, अहसान कुरैशी, सुल्तान मुशीर, मुशर्रफ के विरुद्ध भड़काऊ भाषण देने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। सभी आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने विवेचना पूर्ण कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
घटना के मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। आज पूर्व सांसद कादिर राणा, पूर्व विधायक नूरसलीम राणा, नौशाद कुरैशी तीन आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। न्यायालय मे पूर्व सांसद सईदउज़ज़मा, पूर्व विधायक मौलाना जमील, असदज़मा एडवोकेट, पूर्व सभासद सलमान सईद, सुल्तान मुशीर, एहसान कुरैशी, मुशर्राफ कुरैशी उपस्थित रहें। नामजद अभियुक्तों में से एक क़े वकील वक़ार अहमद नें बताया कि मुक़दमे की अगली सुनवाई न्यायालय द्वारा दी गयी तारीख पर होंगी और चार्ज फ्रेम सभी अभियुक्तों क़े न्यायालय मे उपस्थित होने पर ही होगा।