नोएडा। फर्जी दस्तावेजों के जरिये प्लॉट हड़पने के मामले में नोएडा मीडिया क्लब के पूर्व अध्यक्ष पंकज पाराशर समेत तीन के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। पत्रकार समेत अन्य पर धमकी देकर रंगदारी मांगने और पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करने का भी आरोप है।
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पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के मीडिया सेल द्वारा जारी एक प्रेस नोट के अनुसार 31 जनवरी 2025 को वीरेन्द्र नामक एक व्यक्ति ने सूरजपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी राजेंद्र ने मृतक सुकेश जौहरी के प्लॉट में 60 वर्ग मीटर की फर्जी जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) तैयार कर उसे अपनी पत्नी पूनम के नाम करा लिया था। फर्जीवाड़े की जानकारी होने के बाद जब शिकायतकर्ता ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं पोर्टल पर झूठी खबरें चलवाकर उसकी छवि खराब करने का भी प्रयास किया गया। केस दर्ज कर पुलिस ने जब मामले की जांच की तो सामने आया कि आरोपी पत्रकारिता की आड़ में लोगों को डराकर और फर्जी खबरें चलाकर अवैध वसूली करते थे। गिरोह का सरगना स्क्रैप माफिया रवि काना है।
अन्य उसके ही गिरोह के सदस्य रवि काना अपने आपराधिक नेटवर्क के जरिए लोगों को धमकाकर पैसा ऐंठने का काम करता है। गिरोह के सदस्यों ने कई करोड़ रुपये संदिग्ध लेन-देन के जरिए विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए हैं। गिरोह ने अलग-अलग माध्यमों से कई लोगों को डराकर रंगदारी वसूली है, जिसकी पुष्टि कई अन्य पीड़ितों के बयानों से हुई है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी कस्बा बादलपुर के राजेंद्र, उसकी पत्नी पूनम और सीनियर सिटीजन सोसाइटी सेक्टर फाई-2 निवासी पत्रकार पंकज पाराशर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
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आरोपी पत्रकार पंकज पाराशर और उसके साथियों द्वारा 13 फर्जी लिंक बनाकर अवैध उगाही करने के भी सबूत मिले हैं। इस मामले में पुनम को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। राजेंद और पकंज पाराशर के खिलाफ सबूत मिलने के बाद उनपर भी कार्रवाई की अटकलें हैं। पंकज पाराशर के खिलाफ थाना बीटा टू, बिसरख, सेक्टर-20, सूरजपुर और फेस- तीन समेत अन्य थानों में नौ केस दर्ज हो चुके हैं। वर्तमान समय में पंकज पाराशर जेल में बंद है।