लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने 22 जुलाई के ‘वन महोत्सव-2023’ के सफल आयोजन को लेकर दिशा-निर्देश दिए और कहा कि हर गांव में कम से कम एक हजार पौधे लगाने का प्रयास हो।
सीएम योगी ने कहा कि इस वर्ष के अभियान में 35 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है। हर गांव में कम से कम एक हजार पौधे लगाने का प्रयास हो। 15 अगस्त के दिन एक साथ पांच करोड़ पौधे लगाने की तैयारी करें। प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा वाले उत्तर प्रदेश में वन महोत्सव जनांदोलन बन चुका है। पिछले छह सालों में 131 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया गया है। पौधे लगाने के साथ संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
सीएम योगी के मुताबिक इस वर्ष के ‘वन महोत्सव’ को सफल बनाना है। आमजन की सहभागिता से ही ‘हरित उत्तर प्रदेश’ का लक्ष्य पूरा होगा। स्कूलों में प्रभात फेरी, स्लोगन, निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता, दीवार लेखन जैसे कार्यक्रम जारी रखे जाने चाहिए। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। यह पौधरोपण के लिए आदर्श है। जागरूकता सप्ताह के सफल आयोजन के बाद 22 जुलाई को ‘वन महोत्सव’ में वृहद पौधरोपण के कार्यक्रम से जुड़ना होगा। पौधरोपण के लिए वन भूमि, ग्राम पंचायत एवं सामुदायिक भूमि, एक्सप्रेस-वे, हाई-वे या फोर लेन सड़क, नहर, विकास प्राधिकरण और रेलवे की भूमि, चिकित्सा और शिक्षण संस्थान की भूमि के साथ निजी परिसरों का उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर न्यूनतम एक हजार पौधे लगाए जाएं। शहरी वार्डों में भी पौधरोपण के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। गोशालाओं में पौधरोपण कराएं। पौधे की सुरक्षा के लिए ट्री-गॉर्ड भी लगवाएं। निजी क्षेत्रों, एनजीओ, धार्मिक/सामाजिक संस्थाओं को जोड़ें।
योगी ने कहा कि वृहद पौधरोपण अभियान की सफलता के लिए पौधों की उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग समय से सभी आवश्यक प्रबंध कर ले। हाईटेक नर्सरी तैयार करें। हर किसी को उच्च गुणवत्ता के पौधे मिल सकें, इसके लिए विधिवत तैयारी और प्रचार-प्रसार किया जाए। पौधरोपण स्थलों की जियो टैगिंग की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत निजी खेत की मेड़ पर पौधरोपण के लिए ‘मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन’ योजना है। मनरेगा के लाभार्थी अपनी भूमि पर न्यूनतम 200 पौधे लगाकर संरक्षण करते हैं तो सरकार तीन वर्ष में ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि देगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र को वर्तमान के 9 फीसद से बढ़ाकर 2026-27 तक 15 प्रतिशत करना है। इसके लिए ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ’ के संदेश से जन-जन को जोड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि गंगा, यमुना, सरयू सहित अन्य नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में सघन पौधरोपण के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। कार्यक्रम से जुड़ने वालों को प्रोत्साहन राशि भी दी जानी चाहिए।