Saturday, April 27, 2024

बाल कहानी: रंगीली होली

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

आज होली है। सभी ओर चहल-पहल है। बड़े तो उत्साहित ही हैं, छोटों में भी विशेष उत्साह है।
शिवम् की दोस्तों के साथ अलग ही टोली है। वे एक-दूसरे पर रंग लगाकर पिचकारी से रंग डालकर खुश हो रहे हैं। भीगे हुए यहां से वहां दौड़ रहे हैं। हंसी-मजाक कर रहे हैं।

अचानक शिवम्ï को जोर की छींक आई। उसका एक दोस्त मजाकिया अंदाज में बोला- ‘अच्छे काम के बीच छींक होना अच्छा नहीं होता है। अब दो मिनट कोई काम नहीं होगा। सभी दोस्त रुक गए। शिवम् उदास-सा बोला- आज हम नए जमाने में जी रहे हैं। फिर भी पुराने रीति-रिवाज को साथ लिए हुए हैं। मालूम है सिर ज्यादा गीला होने से छींक आई हैं। अगर यहां सौ का नोट या कोई कीमती वस्तु पड़ी हो। किसी की निगाह उस पर पड़ जाए। वह उठाने लगे। अचानक किसी को छींक आ जाए। वस्तु या नोट नहीं उठाओगे..? एक दोस्त हंसते हुए बोला- ‘यह तो वस्तु या नोट उठाने वाला ही जाने….?

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

शिवम् आगे बढ़ गया। उसके पीछे दोस्त भी बढ़ गए। थोड़ा आगे बढऩे पर उसने जेब से बीस का नोट निकाला। एक और पटककर आगे बढ़ गया पीछे आते दोस्तों में से उसी दोस्त की निगाह उस पर पड़ी। मन में खुश होते हुए उसने जैसे ही उसे उठाना चाहा। शिवम् जोर से छींका पर उसने नोट उठा ही लिया। उसे जेब में रखने लगा। शिवम् हंसते हुए बोला- ‘छींक में कोई भी काम करना अशुभ होता है, वह कुछ नहीं सुनते हुए आगे बढ़ गया। शिवम् ने आवाज लगाकर उसे बुलाया।

उसके आने पर वह बोला- ‘दोस्त! बीस का नोट अब तुम्हारा ही है। तुम्हें बतलाने के लिए मैंने ही नोट जमीन पर पटका था। जब तुम उसे उठाने लगे तो मैं जान-बुझकर छींका। पर छींक की परवाह किए बिना तुमने उसे उठा ही लिया। ‘सुनो! पहले मुझे छींक आई, तुमने अशुभ कहकर कोई काम नहीं करने को कहा। जब दूसरी दफा तुम्हें नोट मिला। छींक हुई। ‘तुमने कुछ कहे-सुने बिना नोट उठा लिया।

तब अशुभ नहीं हुआ। उसके मुंह से बोल नहीं निकले। उसने जेब से नोट निकाला। शिवम् को देने लगा। वह बोला- ‘इस नोट से अब हम सभी चाय पिएंगे। सभी होटल पहुंचे। शिवम् ने चाय का आर्डर दिया। थोड़े समय में चाय आई। सभी चाय पीने लगे। शिवम् को फिर छींक आई। सभी हंसने लगे। वह हंसते हुए बोला- ‘दोस्तों! अशुभ तो नहीं होगा? एक दोस्त हंसते हुए बोला- ‘अशुभ कहां हुआ और आगे भी नहीं होगा। आज का दिन यूं ही रंग-बिरंगा होता है। शुभ ही शुभ होता है और आज तुम्हारी मजेदार बातों ने होली और रंगीली कर दी है, सभी ताली बजाने लगे। शिवम् मुस्कुरा दिया।
नयन कुमार राठी  – विभूति फीचर्स

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय