बीजिंग। चीन और मिस्र के बीच आयोजित संयुक्त वायुसेना प्रशिक्षण ‘सिविलाइज्ड ईगल-2025’ मिस्र के वायुसेना अड्डे पर सफलता के साथ संपन्न हुआ। यह पहली बार है, जब चीनी वायुसेना ने अफ्रीका में एक संगठित प्रणाली के तहत अपनी सैन्य टुकड़ी को संयुक्त प्रशिक्षण के लिए भेजा। अफ्रीकी धरती पर पहुंचने के बाद चीन की वायुसेना ने कम समय में अपनी तैनाती की प्रक्रिया, सैद्धांतिक शिक्षा, मिशन योजना और कमान-नियंत्रण समन्वय जैसे जटिल कार्यों को कुशलता से पूरा किया और सफलतापूर्वक अपनी पहली उड़ान भरी। इसने चीनी वायुसेना की लंबी दूरी तक अभियान क्षमता, तेज तैनाती और संगठित युद्ध कौशल को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया।
18 दिनों तक चले इस संयुक्त अभ्यास के दौरान दोनों देशों की वायु सेनाओं ने आधुनिक युद्ध रणनीतियों, प्रशिक्षण मॉडल, वायु युद्ध की तकनीकों और हवाई ईंधन भरने जैसे जटिल विषयों पर गहन चर्चा और व्यावहारिक आदान-प्रदान किया। इसके साथ ही वायु नियंत्रण संचालन, वायु रक्षा प्रणाली को निष्क्रिय करने, युद्धक्षेत्र में खोज और बचाव जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में भी संयुक्त प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को नई दिशा देने वाला एक मील का पत्थर साबित हुआ है। बताया गया है कि यह चीन और मिस्र की वायु सेनाओं के बीच पहला औपचारिक संयुक्त अभ्यास है। यह न केवल सामरिक और तकनीकी कौशल को निखारने का एक व्यावहारिक मंच रहा, बल्कि इसके जरिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच विश्वास, समझदारी और सहयोग की भावना भी और अधिक गहरी हुई है। यह अभ्यास भविष्य में व्यापक सैन्य आदान-प्रदान और रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।