लखनऊ। योगी कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए प्रदेश में बंद पड़े सिनेमाघरों को फिर से संचालित किए जाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मल्टीप्लेक्स विहीन जनपदों में जल्द से जल्द मल्टीप्लेक्स निर्माण को प्रोत्साहित करने, एकल स्क्रीन सिनेमाघरों के निर्माण को प्रोत्साहित करने और संचालित सिनेमाघरों को आधुनिक करने को लेकर समेकित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी प्रदान की गई है। यह योजना पांच साल तक प्रभावी रहेगी।
प्रदेश के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि, प्रदेश में बंद एकल छविगृह, संचालित सिनेमाघरों का पुनर्निर्माण/रिमॉडल करवाने और मल्टीप्लेक्स विहीन जनपद, मल्टीप्लेक्स के निर्माण हेतु तथा सिनेमाओं के उच्चीकरण हेतु समेकित प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है। सिनेमाघर / मल्टीप्लेक्स द्वारा राजकोष में जमा की गयी स्टेट जीएसटी से प्रस्तावित अनुदान दिया जायेगा, इससे राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त व्यय भार नहीं आयेगा।
योगी सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवाओं को उद्योग का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आईटी/आईटीएस क्षेत्र की तीव्र वृद्धि में सहायता के लिए राज्य को परिवर्तनकारी सुधारों को कार्यान्वित किए जाने की आवश्यकता है। इन सुधारों का उद्देश्य आईटी और आईटीएस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया जाना है। वहीं योगी सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ को लागू करने का फैसला किया है।
इसके साथ ही योगी सरकार ने राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत करने और युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति, 2024’ को लागू किया है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि यह नीति प्रदेश में बढ़ती उच्च शिक्षा की मांग को पूरा करने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी। इसके माध्यम से छात्रों को राज्य में ही उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से प्रदेश के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।