रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को राज्य के चक्रधरपुर मंडल में हुए ट्रेन हादसे पर गहरा अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कहा कि पटरी पर दौड़ने वाली ट्रेनों का बेपटरी होना चिंता का विषय है। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं और लोगों के जानमाल का नुकसान हो रहा है। झारखंड विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए सोरेन ने कहा कि रेलवे को देश के मिडिल क्लास, गरीबों, मजदूरों और आम नागरिकों के लिए लाइफ लाइन के रूप में देखा जाता रहा है। देश के एक कोने से दूसरे कोने तक की आवागमन का यह मजबूत जरिया था, लेकिन यह सिस्टम बेहतर होने के बजाय लगातार टूटता-बिखरता दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय भले बड़े दावे करता है। लेकिन, उसकी हकीकत आज सबके सामने है। चक्रधरपुर में हुए हादसे के बाद मैंने अपने मंत्रियों और विधायकों को मौके पर भेजा। मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को पचास-पचास हजार राज्य सरकार की ओर से दिए गए हैं। हम मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। इस हादसे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने सोशल मीडिया के आधिकारिक अकाउंट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को संबोधित करते हुए लिखा, “बाबूलाल जी, इस हादसे में हेमंत सोरेन जी या ‘इंडिया’ का कोई हाथ नहीं हैं।
इसके लिए ईडी-सीबीआई से फंसा देने की कायरतापूर्ण धमकी मत दीजिएगा। इसको पूरी ज़िम्मेदारी आपके रेल मंत्री एवं केंद्र सरकार की है। रेल मंत्री को रील बनाने से मना कीजिए और रेल पर ध्यान देने का आग्रह करें।” राज्य सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री रेलवे को हाईटेक बनाने और बुलेट ट्रेन चलाने की बात कहते हैं और दूसरी तरफ रेल यात्रियों की सुरक्षा के मामले में यह हाल है कि आए रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं।