लखनऊ। लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को शासन स्तर के सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करें, जहां खाली पद हैं, आयोगों को भेजें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गण अपने विभाग के शीर्ष अधिकारी हैं। विभाग से जुड़ी हर एक व्यवस्था, हर एक परियोजना, प्रत्येक प्रकरण के लिए आपकी जवाबदेही है।
समयबद्धता, गुणवत्ता सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है। विभागीय मंत्रीगणों के साथ बेहतर संवाद-समन्वय बनाये रखें। जनहित के प्रकरणों को अनावश्यक लंबित न रखें। उन्होंने कहा कि जिस विभाग में खाली पद हैं, वहां से तत्काल चयन आयोगों को सूचना भेजा जाए। नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग करें। नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए। चयन आयोगों से संपर्क बनाएं, त्रुटिपूर्ण अधियाचन न भेजें।
चयन प्रक्रिया की समय-सीमा तय करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही समाप्त होने वाली है। सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधान की गई धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। समय से आवंटन और समय से खर्च होना चाहिए। वित्त विभाग द्वारा इसकी विभागवार समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह के प्रयासों को तेज करने की जरूरत है। फील्ड में तैनात अधिकारियों को टारगेट दें। इनके परफॉर्मेंस को ही इनकी पदोन्नति, पदस्थापना का आधार बनाया जाना चाहिए। तकनीक का प्रयोग बढ़ाएं। कर चोरी किसी भी दशा में न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेज गर्मी/लू का मौसम चल रहा है। ऐसे में पूरे प्रदेश में गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए। बिजली तभी कटे, जब बहुत जरूरी हो। ट्रांसफार्मर जलने/तार गिरने, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण किया जाए। योगी ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करें। सेफ सिटी परियोजना से जुड़े कार्यों को समय से पूरा कराएं। नगरों में कहीं भी पेयजल का संकट न होने पाए। स्ट्रीट डॉग की समस्या का स्थायी समाधान तलाशें।