शामली। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के उद्देश्य से 13 फरवरी से सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान 2023 चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक करेंगी तथा कुष्ठ रोगी की पहचान करके उनका इलाज कराया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय अग्रवाल ने बताया – कुष्ठ रोग छुआछूत का रोग नहीं है। कुष्ठ रोगियों से भेदबाव न करें। यह आम रोगों की तरह ही एक है, जो मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) से ठीक हो जाता है। लेकिन समय पर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी बड़ा रूप भी ले सकती है। उन्होंने बताया 13 फरवरी से जिले में अब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों को खोजने का काम करेंगी, इसके लिए आशा, एएनएम आदि को जिम्मेदारी दी गई है। क्षेत्रवासी भी स्वास्थ्य विभाग की टीम का सहयोग करें।
कुष्ठ पर्यवेक्षक आशुतोष शुक्ला ने बताया -कुष्ठ रोग की शंका होने पर आशा कार्यकर्ता, एएनएम से या स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें और इलाज शुरू करवाएं। उन्होंने बताया- कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है। चमड़ी पर दाग चकत्ता, जिसमें पानी न आता हो, हाथ-पैर की नसों में मोटापन, सूजन और झनझनाहट, हाथ और पैर के तलवे में सुन्नपन। चेहरा शरीर तथा कान पर गांठ, हाथ पैर की उंगली में टेढ़ापन हो तो वह कुष्ठ रोग है जो ठीक हो सकता है। कुष्ठ रोग माइको बैक्टीरियम लेप्रे नामक जीवाणु से फैलता है। यह आनुवांशिक, पूर्व जन्म के पापों का फल, भूत-पिशाच, टोना-टोटका नहीं हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कुष्ठ रोगी से भेदभाव न करें और स्वास्थ्य विभाग की टीम का सहयोग करें ताकि कुष्ठ रोगियों को खोजने में मदद मिले।
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया – कुष्ठ से विकलांग हुए रोगी को सरकार की तरफ से तीन हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है। कुष्ठ से विकलांग हुए रोगियों की सर्जरी की व्यवस्था का प्रावधान सरकार की ओर से है।