Monday, December 23, 2024

अधिक से अधिक बलगम के नमूने एकत्र करें सीएचओः डीटीओ

मुजफ्फरनगर। जनपद के सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उपकेन्द्रों, आयुष्मान भारत वेलनेस सेंटर सहित जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बृहस्पतिवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। आज डीटीओ ने सीएचसी मख्याली,HWC शेरनगर और डॉट सेंटर शेरनगर का निरक्षण किया । राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लोगों को जागरूक करने और टीबी मरीजों को खोजने के लिए चलाए जा रहे इस विशेष कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। जनपद में आज एकीकृत निक्षय दिवसों में टीबी की स्क्रीनिंग हेतू 455 बलगम के नमूने एकत्र किये गए। गौरतलब है कि जनपद में हर महीने की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। 15 तारीख को अवकाश होने पर इस अगले कार्य दिवस में मनाया जाता है।

 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. महावीर सिंह फौजदार के निर्देशन में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का पूरा प्रयास है कि वर्ष 2025 तक जनपद को टीबी मुक्त बनाया जाए। उन्होंने बताया- शासन के निर्देश पर हर महीने की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी में आने वाले दस प्रतिशत मरीजों की लक्षणों के आधार पर टीबी की स्क्रीनिंग की जाती है। बीमारी की पुष्टि होते ही मरीजों का उपचार शुरू कर दिया जाता है। आमतौर पर साधारण टीबी के मरीज छह माह का उपचार लेने के बाद ठीक हो जाते हैं। नियमित दवा न लेने अथवा अन्य कारणों से कुछ मरीजों को लंबे उपचार की जरूरत होती है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक हेमंत कुमार ने बताया- जनपद में आज एकीकृत निक्षय दिवस पर 455 बलगम के नमूने एकत्र किये गए। बीमारी की पुष्टि होते ही मरीजों का उपचार शुरू कर दिया जाएगा।

 

शीघ्र पहचान, शीघ्र उपचार जरूरी
जिला क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि क्षय उन्मूलन के लिए सबसे जरूरी है टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान होना, जितनी जल्दी पहचान, उतनी जल्दी उपचार और उतनी ही जल्दी टीबी संक्रमण का फैलना बंद। क्षय रोग इकाई का पूरा फोकस है कि टीबी मरीजों की जल्दी से जल्दी पहचान हो। उन्होंने बताया – पल्मोनरी (फेफड़ों की) टीबी मरीज के खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों के सम्पर्क में आने से फैलती है। उपचार शुरू होने के दो महीने के बाद संक्रमण फैलने की आशंका लगभग खत्म हो जाती है।

लक्षण
डा. लोकेश ने बताया- दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार आना, खांसते समय बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, सीने में दर्द रहना, वजन कम होना, भूख कम लगना और थकान महसूस होना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत टीबी की जांच करानी चाहिए।

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