नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज ने कहा, दिल्ली कांग्रेस पूछती है कि अन्ना-दूत अरविन्द केजरीवाल की नई शराब नीति में कोई भ्रष्टाचार नहीं था। वे राजस्व में फायदा पहुंचाने वाली थी तब दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को वापस क्यों लिया? शराब करोबारियों की कमीशन को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किसने की और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं। किसके इशारे पर ब्लेक लिस्टेड कारोबारियों को अनुबंधित किया? दिल्ली को घोटालों की राजधानी बनाने वाले अरविन्द केजरीवाल नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दें।
आगे अनिल भारद्वाज ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली 15 साल की शीला दीक्षित सरकार पर मनघंढ़त आरोप लगाकर भ्रष्टाचारी कहा था। क्या शीला दीक्षित के किसी भी मंत्री पर चार्जशीट हुई जबकि केजरीवाल सरकार के 9 वर्षों की सरकार के कार्यकाल में इनके 6 मंत्री जेल की हवा खा चुके हैं। मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन आज भी जेल में हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली मंत्रीमंडल के प्रमुख होने के नाते मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इस्तीफा दें और दिल्ली की जनता से माफी मांगें।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि 2014 में जनलोकपाल के गठन के लिए 49 दिन की सरकार से इस्तीफा देकर पुन: पूर्ण बहुमत से सत्ता हथियाने के बाद अरविन्द केजरीवाल के 9 वर्षों के कार्यकाल में जनलोकपाल तो नहीं बनाया परंतु दिल्ली को घोटाले की राजधानी जरूर बना दिया। यदि दिल्ली में जनलोकपाल होता तो दिल्ली के भ्रष्टाचारी पहले ही जेल में होते। कहां है जनलोकपाल।