नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा है कि कांग्रेस लोकसभा का चुनाव हार रही है, इसलिए एग्जिट पोल का बहिष्कार कर रही है। शाह ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करना कांग्रेस की आदत बन चुकी है और जब से राहुल गांधी कांग्रेस की मुख्य व्यवस्था में आए हैं, तब से कांग्रेस पार्टी डिनायल मोड में जी रही है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने टीवी न्यूज चैनलों पर कांग्रेस द्वारा एग्जिट पोल का बहिष्कार करने के निर्णय पर करारा हमला करते हुए कहा कि ये कोई नई बात नहीं है कि कांग्रेस पार्टी एग्जिट पोल पर चर्चा का बहिष्कार कर रही है। काफी समय से कांग्रेस पार्टी डिनायल मोड में ही है। कांग्रेस ने पूरे चुनाव में एक कैंपेन किया कि इनका बहुमत आने जा रहा है, लेकिन अब उनको भी स्थिति मालूम है कि कल के चुनाव के बाद आने वाले एग्ज़िट पोल में इनकी प्रचंड हार होने वाली है, किस मुंह से कांग्रेस मीडिया का सामना करें ? इसलिए कांग्रेस एग्ज़िट पोल को यह कह कर नकार रही है कि इसका कोई मतलब नहीं है। चार तारीख को परिणाम आने हैं और एग्ज़िट पोल का समय चल रहा है।
हर बार कांग्रेस इसमें हिस्सा लेती रही है, मगर इस बार हार के कारण को बयां न कर पाने की स्थिति में वो एग्जिट पोल का बहिष्कार कर रही है। शाह ने आगे कहा कि जब से राहुल गांधी कांग्रेस की मुख्य व्यवस्था में आए हैं, तब से कांग्रेस पार्टी डिनायल मोड में जी रही है। सुप्रीम कोर्ट से कोई अनुकूल जजमेंट नहीं आता है, तो न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देना, इलेक्शन कमीशन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर देना, ईवीएम पर सवाल खड़े कर देना, संसद में बहस करने की जगह संसद को छोड़कर भाग जाना, संवैधानिक पदों की अवहेलना करना, मिमिक्री करना और एजेंसियों पर सवाल खड़ा करना इनकी आदत बन चुकी है ।
उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि राहुल गांधी के कांग्रेस में मुख्य व्यवस्था में आने के बाद से ही कांग्रेस देश की सभी प्रकार की संस्थाओं चाहे मीडिया हो, न्यायिक व्यवस्था हो, पार्लियामेंट हो, संवैधानिक पद पर बैठे हुए लोग हों, एजेंसियां हों, सबके सामने डिनायल मोड में आ चुकी है। इसी का परिणाम है कि ये कल के एग्ज़िट पोल का बहिष्कार कर रहे हैं। शाह ने आगे तंज करते हुए कहा कि वे कांग्रेस के नेताओं को कहना चाहते हैं कि शुतुरमुर्ग की तरह की आदत से कभी किसी का फायदा नहीं होता है। डटकर हार का सामना करना चाहिए, आत्मचिंतन करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। भाजपा ने भी कई चुनाव हारे, लेकिन कभी मीडिया या एग्जिट पोल का बहिष्कार नहीं किया। उन्हें पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों के एग्जिट पोल भाजपा के 400 पार के नारे को धरातल पर उतारने वाले नतीजे लेकर आएगा।