Wednesday, November 6, 2024

फर्स्ट टाइम वोटर की दिलचस्पी लोकतंत्र के लिये शुभ संकेत: अखिलेश

लखनऊ – समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में फर्स्ट टाइम वोटर की बड़ी हिस्सेदारी लोकतंत्र के लिये शुभ संकेत है।

श्री यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस बार बड़ी संख्या में नए बने मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिस पीढ़ी को पहली बार मतदान करने का अवसर मिला है उसने मतदान की परम्परा ही नहीं निभाई बल्कि अपने भविष्य, अपने सुरक्षा के साथ नई सोच को भी सामने रखकर मतदान किया। आज का युवा खेती किसानी के साथ प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक अनुसंधानों तक से जुड़ा हुआ है। जिन लाखों युवाओं ने पहली बार मत डाला, उनके अपने भविष्य को लेकर चिंता वाजिब है। वैसे इस बार के लोकसभा चुनाव में जहां कई युवा चेहरे लड़ाई में हैं, वहीं कई आकर्षण के केन्द्र में है वे जो विदेश से पढ़कर अपनों के चुनाव प्रचार में उतरे है। नई पीढ़ी का यह सपना है कि वे लोकतंत्र की परम्परा से स्वस्थ और सशक्त भारत को नई दिशा देंगे।

उन्होने दोहराया कि संविधान और देश का लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के बनाये संविधान को बदलना चाहती है। इस चुनाव में एक तरफ संविधान बचाने की लड़ाई लड़ने वाले हम इंडिया गठबंधन के लोग हैं वहीं दूसरी तरफ संविधान बदलने की बात करने वाले भाजपा के लोग है।

श्री यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तभी लोकतंत्र बचेगा। तभी जनता का वोट देने का अधिकार और अन्य अधिकार सुरक्षित रहेंगे। भाजपा जनता के अधिकार छीनना चाहती है। भाजपा के पास विकास का कोई रोड मैप नहीं है। इस सरकार ने भ्रष्टाचार किया। बजट को लूटा है। आज जनता के पास एक बार फिर मौका आया है, वह अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकती है।

उन्होने कहा कि आज का नौजवान जानता है कि भाजपा राज में युवाओं के प्रति कोई संवेदना नहीं है। युवाओं का भविष्य असुरक्षित और अंधेरे में है। भाजपा नेतृत्व के वादे कभी पूरा होने वाले नहीं है। दो करोड़ नौकरियों का सपना नौजवान देखते ही रह गया। रोटी रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है। उसकी परीक्षाएं पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गई। मेक इन इंडिया, स्मार्ट इंडिया का अतापता नहीं चला। बाहरी निवेश आया नहीं, नए उद्योग लगे नहीं उसके बड़े-बड़े दावे फुस्स हो गए।

श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने युवाओं को लैपटॉप बांटकर उनका शैक्षिक स्तर बढ़ाने का काम किया था। भाजपा सरकार ने वादा करने के बावजूद युवाओं को लैपटॉप नहीं दिया। नौजवानों को कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई थी। वह योजना बंद हो गई। कन्या विद्याधन योजना बंद हो गई। नौजवान की जिंदगी में खुशहाली नहीं रही।

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