Monday, April 28, 2025

संसद के विशेष सत्र का एजेंडा एक व्यक्ति को छोड़कर किसी को नहीं पता: कांग्रेस

नई दिल्ली। संसद का विशेष सत्र के शुरू होने से महज पांच दिन पहले कांग्रेस ने बुधवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक व्यक्ति को छोड़कर किसी को भी इस सत्र के एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है जबकि इससे पहले जब भी विशेष सत्र या विशेष बैठकें होती थीं, तो कामकाज की सूची पहले से ज्ञात होती थी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ”आज 13 सितंबर है। संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र अब से पांच दिन बाद शुरू होगा और किसी को भी – एक आदमी को छोड़कर (ठीक है, शायद दूसरे को भी) – एजेंडे के बारे में कुछ भी पता नहीं है।’

उन्होंने कहा, “पिछले हर अवसर पर, जब विशेष सत्र या विशेष बैठकें आयोजित की जाती थीं, तो कामकाज की सूची पहले से ज्ञात होती थी।”

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उन्होंने विशेष सत्रों की सूची भी साझा की है जिसमें सत्र और विवरण शामिल हैं।

26 नवंबर 2019 — संविधान की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सेंट्रल हॉल में विशेष बैठक।

30 जून 2017 को — जीएसटी लागू करने के लिए आधी रात को सेंट्रल हॉल में संयुक्त विशेष सत्र।

26 और 27 नवंबर 2015 — संविधान दिवस मनाने के लिए विशेष बैठक।

13 मई 2012 — राज्यसभा और लोकसभा की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष बैठक।

22 जुलाई 2008 — वाम दलों द्वारा यूपीए-1 सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विश्वास मत के लिए लोकसभा का विशेष सत्र।

26 अगस्त 1997 से 1 सितंबर 1997 — भारतीय स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष सत्र।

3 जून, 1991 से 4 जून 1991 — अनुच्छेद 356(3) के प्रावधान के तहत हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए राज्यसभा का विशेष सत्र (158वां सत्र)।

28 फरवरी से 1 मार्च 1977 — अनुच्छेद 356(4) के दूसरे प्रावधान के तहत तमिलनाडु और नागालैंड में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के लिए राज्यसभा का दो दिनों का विशेष सत्र आयोजित किया गया।

संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक निर्धारित है। कांग्रेस सरकार से विशेष सत्र के लिए एजेंडा सार्वजनिक करने की मांग कर रही है। कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सत्र का एजेंडा मांगा था और उन नौ मुद्दों को भी सूचीबद्ध किया था जिन्हें विपक्ष सत्र में उठाना चाहेगा।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि 18-22 सितंबर के लिए निर्धारित संसद का विशेष सत्र नियमों और विनियमों का उल्लंघन नहीं है और उन्होंने इस मुद्दे पर “विवाद” पैदा करने का आरोप लगाया था।

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