नई दिल्ली-लोकसभा 2024 के चुनावों की मतगणना के दिन चार जून को शेयर बाजार में अचानक आई गिरावट और निवेशकों के भारी नुकसान पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का केंद्र सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को निर्देश देने की मांग करते एक याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई है।
अधिवक्ता विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों के बाद शेयर बाजार में एक और बड़ी गिरावट देखी गई।
याचिकाकर्ता ने कहा, “शेयर बाजार में फिर से अस्थिरता देखने को मिली है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, नुकसान 20 लाख करोड़ रुपये का था। इससे फिर से नियामक तंत्र पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है… इस अदालत के निर्देश के बावजूद कुछ भी नहीं बदला है।”
याचिका में कहा गया है कि लोकसभा पर एग्जिट पोल की घोषणा के बाद शेयर बाजार में उछाल आया, लेकिन जब वास्तविक परिणाम घोषित किए गए तो बाजार में गिरावट आई। इस वजह से नियामक प्राधिकरण और उसके तंत्र पर सवाल उठे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देश के कथित तौर पर “सबसे बड़े शेयर बाजार घोटाले” में “सीधे तौर पर शामिल” थे, जिसमें खुदरा निवेशकों ने 30 लाख करोड़ रुपये गंवाए।
श्री गांधी ने इसे एक “आपराधिक कृत्य” करार देते हुए इसकी संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग की थी।
शीर्ष अदालत से केंद्र सरकार और सेबी को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे 3 जनवरी 2024 को दिए गए अदालती निर्देशों पर स्थिति रिपोर्ट पेश करें, जिसमें अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति के सुझाव पर विचार किया गया था।
अदालत ने तब श्री तिवारी और अन्य की याचिका पर कई निर्देश जारी किए थे।