नई दिल्ली। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विरोधी दलों पर बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन देश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का अधिकार छीन कर मुस्लिमों को देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि यही इनका छिपा हुआ एजेंडा है और कांग्रेस के घोषणापत्र में भी तुष्टीकरण स्पष्ट दिखाई दे रहा है। कहा कि भाजपा यह नहीं चाहती कि मुसलमानों की उपेक्षा हो, लेकिन मुसलमानों को अन्य समुदायों की कीमत पर अनुचित लाभ नहीं मिलना चाहिए।
नड्डा ने आगे कहा कि कांग्रेस यह कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि देश के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है।
भाजपा अध्यक्ष ने यूपीए सरकार के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा कि दिसंबर 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसाधनों पर मुसलमानों के पहले हक का बयान गलती से नहीं दिया था, बल्कि जानबूझकर दिया था। अप्रैल 2009 में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुंबई में एक सवाल का जवाब देते हुए मनमोहन सिंह ने फिर से अपने उस बयान को सही ठहराया और कहा कि अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। देश के संसाधनों पर मुसलमानों का पहला हक होना चाहिए।
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को गलत बयानबाजी करार देते हुए नड्डा ने कहा कि इसमें मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर बताई गई थी। इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस काफी पहले से ही यह आधार बना रही थी कि किसी भी तरह मुसलमानों को अनुसूचित जाति घोषित कर उन्हें एससी आरक्षण के तहत मिलने वाले लाभ दिए जाएं।
भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि देश में बहुसंख्यकवाद की कोई जगह नहीं है, इसका मतलब यह है कि इन्हें एससी, एसटी और ओबीसी से सख्त नफरत है। देश में बहुसंख्यक आबादी इन्ही गरीब लोगों की है, इन्हीं वर्गों की है।
उन्होंने कहा कि इनके अधिकारों पर डाका डालने की कांग्रेस की यह आदत बहुत पुरानी है। जवाहरलाल नेहरू हमेशा मुसलमानों के पक्ष में रहते थे। नड्डा ने कांग्रेस सरकार द्वारा केंद्र और विभिन्न राज्यों में तुष्टीकरण के लिए उठाए गए कई कदमों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।