Tuesday, September 17, 2024

यात्रियों की सुरक्षा के लिए दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर टनलों में क्रॉस पैसेज का निर्माण

गाजियाबाद। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के भूमिगत हिस्से में निर्माणाधीन समानांतर टनलों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए क्रॉस पैसेज बनाने का कार्य किया जा रहा है। इन क्रॉस पैसेज का निर्माण न्यू ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) तकनीक के आधार पर किया जा रहा है।

एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि आरआरटीएस कॉरिडोर के भूमिगत हिस्से में हर रूट पर ट्रेनों के आने-जाने के लिए दो समानान्तर टनल का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही इन टनलों में हर 250 मीटर की दूरी पर एक-एक क्रॉस पैसेज का प्रावधान किया गया है। यानी दोनों टनल के बीच एक ऐसा हिस्सा, जिससे आवश्यकता या आपातकाल में एक टनल से दूसरी टनल के बीच आवागमन किया जा सके। यह क्रॉस पैसेज भूमिगत भाग में ट्रेनों के परिचालन और आपातकाल में यात्रियों की सुरक्षा में सहायक होते हैं। किसी आपातकालीन स्थिति में यदि किन्हीं अप्रत्याशित कारणों से एक टनल में ट्रेन का परिचालन रुक जाता है, तब इन क्रॉस पैसेज के माध्यम से यात्रियों को दूसरी टनल से बाहर निकाला जा सकता है।

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उन्होंने बताया कि दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर मेरठ में कुल 6 टनल का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें कुल 9 क्रॉस-पैसेज निर्मित किए जाएंगे। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच निर्माणाधीन लगभग 2 किमी लंबी दोनों समानांतर टनल में कुल 6 क्रॉस पैसेज, भैंसाली से बेगमपुल के बीच लगभग एक किमी लंबी दोनों समानांतर टनल में कुल 2 क्रॉस पैसेज और गांधी बाग से बेगमपुल के बीच लगभग 700 मी. लंबी दोनों समानांतर टनल में 1 क्रॉस-पैसेज का निर्माण किया जाएगा।

वत्स के मुताबिक दिल्ली में आरआरटीएस कॉरिडोर पर कुल 4 टनल का निर्माण किया जाना है, जिनमें कुल 12 क्रॉस-पैसेज निर्मित किए जाएंगे। न्यू अशोक नगर से आनंद विहार के बीच निर्माणाधीन 3 किमी लंबी दोनों समानांतर टनलों में कुल 8 क्रॉस-पैसेज और आनंद विहार से साहिबाबाद के बीच निर्माणाधीन 2 किमी लंबी दोनों समानांतर टनलों में कुल 4 क्रॉस-पैसेज का निर्माण किया जाएगा।

ज्ञातव्य हो कि आरआरटीएस परियोजना में टनलिंग के लिए लगभग 90 मीटर लंबी सुदर्शन (टनल बोरिंग मशीन) का प्रयोग किया जा रहा है। यह सुदर्शन अंदर ही अंदर मिट्टी की कटाई कर टनल रिंग्स को इन्सटॉल करती हुई आगे बढ़ती है। इस प्रकार टनल निर्माण प्रगति करता रहता है। टीबीएम द्वारा टनल बनाने की तकनीक सबसे अत्याधुनिक तकनीकों में से एक है।

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