शामली। पूर्व सभासद राजीव मलिक ने कहा कि नगर पालिका के निवर्तमान ईओ पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होन के बावजूद भी प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर कोई कार्यवाही न करने का आरोप लगाया। उन्होने बताया कि डोर टू डोर कूडा कलैक्शन में वर्ष 2021-22 में हुए भ्रष्टाचार के मामले में शासन स्तर से दो बार वसूली करने आदेश आ चुका है, लेकिन जिला स्तर पर शासनादेशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
सोमवार को नगर पालिका के पूर्व सभासद राजीव मलिक व समाजसेवी ओमप्रकाश शर्मा ने चौधरी चरण सिंह बारातघर में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। जिसमें उन्होने कहा कि नगर पालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी जो वर्तमान में गोरखपुर नगर निगम में तैनात है उन पर भ्रष्टाचार के मामले सिद्ध हो चुकी है। तत्कालीन डीएम द्वारा कराई गई जांच में डूर टू डोर कूडा कलैक्शन और कर्मचारियों को दी गई अवैध पदोन्नति में भ्रष्टाचार सिद्ध हुआ है। डीएम द्वारा शासन को पत्र लिखकर ईओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई थी।
ईओं के खिलाफ दंडात्मक व अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए जिले सांसद व विधायक द्वारा भी पत्राचार किय जा चुका है। प्रदेश के राज्यपाल की ओर से प्रमुख सचिव ने भी 3 अक्टूबर 2022 में आरोप पत्र जारी किया गया है। नियम-7 के अन्तर्गत विभागीय जांच कराते हुए अपर आयुक्त सहारनपुर को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए दोबारा जांच कराई गई। जिसमें ईओ को दोषी माना गया है। उन्होने कहा कि दोष सिद्ध होने के बावजूद शासन स्तर पर अभी तक ईओ के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही नही की गई।
शासन स्तर से डीएम शामली को भ्रष्टाचार कर उपयोग की गई 1.95 करोड की धनराशि की वसूली करने के निर्देश दिये गए है। बताया कि यह आदेश फरवरी 2024 में आये थे, जिसके लिए डीएम ने एसडीएम सदर व जिला कोषाधिकारी को नियुक्त किया था, लेकिन चार महीने बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नही की गई। गत जून के महीने में शासन स्तर से दोबारा रिमाईडर आ चुका है, लेकिन जिला प्रशासनिक अधिकारी शासनादेशों को ठंडे बस्ते में डाले बैठे है। उन्होने प्रदेश के मुख्यमंत्री से ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग की है।