Wednesday, June 26, 2024

बहुचर्चित राशन घोटाले में आरोपी डीलर की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज

मुजफ्फरनगर। बहुचर्चित घोटाले में आरोपी राशन डीलर की अग्रिम जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी। करीब छह साल बाद अर्जी दाखिल की थी। आर्थिक अनुसंधान शाखा मेरठ द्वारा कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र के बाद विशेष अपर सत्र एवं न्यायाधीश कोर्ट नंबर-4 कनिष्क कुमार सिंह ने सुनवाई के बाद जमानत देने से इन्कार कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक रामनिवास पाल, अजय कुमार ने बताया वर्ष 2018 के अपराध संख्या- 1003 थाना कोतवाली नगर के अंतर्गत 18 राशन डीलरों के खिलाफ फर्जीवाड़े और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा कायम हुआ था। इस मुकदमे में फरार चल आरोपी नई मंडी थाना क्षेत्र के लक्ष्मण विहार निवासी राशन डीलर मोनू उर्फ विजय कुमार ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया। पीठासीन अधिकारी ने बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद जमानत देने ने इन्कार कर दिया।
एसपीपी अजय कुमार ने बताया कार्ड धारकों के लिए आवश्यक वस्तु वितरण के लिए एनआईसी उत्तर प्रदेश के माध्यम आधार कार्ड में बॉयोमेट्रिक तकनीक का प्रयोग किया जाता था। इस तकनीक का दुरुपयोग पाए जाने पर संबंधित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारियों द्वारा अगस्त 2018 में जिले के आठ थाना क्षेत्रों में 13 मुकदमे कायम कराए थे। एनआईसी के परीक्षण में कुछ आधार कार्ड ऑथेंट्रिफिकेशन में वास्तविक लोगों के आधार डाटा एडीट कर अपने लोगों का डाटा फीड किया गया था। इसमें पात्र लोग राशन लेने से वंचित रह गए थे।

 

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

मुकदमों की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन मेरठ से कराई गई। वर्ष 2022 में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भेजा गया। संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने विभिन्न मुकदमों में तमाम आरोपी तलब किए थे। उनमें कुछ आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत की कार्रवाई पर स्थगन आदेश प्राप्त कर लिए हैं।

 

वर्ष 2018 के अगस्त माह में प्रदेश में बहुचर्चित राशन घोटाला उछला था। फर्जी आधार कार्ड और ई-पॉश मशीन से जुड़े सॉफ्टवेयर में सेंधमारी और आधार कार्ड की फीडिंग में हेराफेरी करके करोड़ों रुपये के अनाज की हेराफेरी कर लाभार्थियों का राशन हड़पा गया। इसमें इलाहाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, कानपुर समेत कुल 43 जिले शामिल थे। पहले चरण में ई-पॉज मशीनों से अनाज वितरण शहरी क्षेत्रों में शुरू किया गया था। यही वजह है कि शहरी क्षेत्रों में ही ज्यादातर यह घोटाला किया गया। 64 आधार कार्ड नंबरों का फर्जी तरीके से प्रयोग कर 19,795 बार गरीबों के हिस्से का अनाज, चावल, चीनी आदि सामग्री ली गई थी।

 

 

आधार कार्डों में हेराफेरी करने के आरोप में मुजफ्फरनगर शहर से सबसे ज्यादा 80 राशन विक्रेता घेरे में आए थे। तत्कालीन पूर्ति निरीक्षक मोहिनी मिश्रा और विभाग से जुड़े कई अधिकारी जांच के दायरे में हैं। उनके खिलाफ विवेचना प्रचलित है। कोतवाली और सिविल लाइन में तीन-तीन, नई मंडी में दो, पुरकाजी, जानसठ, मीरापुर, बुढ़ाना, भौरा कलां में एक-एक मुकदमे दर्ज हुए थे। राशन वितरण प्रणाली के डाटा बेस से छेड़छाड़ कर करोड़ों के खाद्यान्न की हेराफेरी करने के आरोप में करीब 100 राशन विक्रेता और 64 आधार कार्ड धारकों के अलावा कंप्यूटर ऑपरेटरों को नामजद किया था।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,188FansLike
5,329FollowersFollow
60,365SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय