पेरिस। फ्रांस के मायोट में चक्रवात चिडो के कारण अब तक 31 लोगों के मरने की आधिकारिक पुष्टि हुई है। फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के अनुसार, चक्रवात चिडो की वजह से लगभग 1,400 लोग घायल हुए हैं। विदेश विभाग में बुधवार देर रात असाधारण प्राकृतिक आपदा की स्थिति की घोषणा की गई। इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मायोट भी पहुंचे। ऐसी आशंका जताई गई कि सबसे गरीब फ्रांसीसी विभाग में मरने वालों की संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।
विदेश मामलों के कार्यवाहक मंत्री फ्रेंकोइस-नोएल बफेट ने बुधवार देर रात जारी एक बयान में मायोट में असाधारण प्राकृतिक आपदा की स्थिति लागू करने की घोषणा की, ताकि तेजी से और अधिक प्रभावी संकट प्रबंधन तथा आपातकालीन उपायों को लागू किया जा सके। उन्होंने कहा, “इस असाधारण स्थिति को देखते हुए महत्वपूर्ण सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने और मायोट के लिए एक स्थायी पुनर्निर्माण योजना को लागू करने के लिए असाधारण संसाधनों को तैनात किया जाना चाहिए।” इससे पहले मंगलवार को इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटीज ने चक्रवात द्वारा द्वीपों को तबाह करने के बाद अपने 200 से अधिक स्वयंसेवकों के लापता होने की आशंका पर चिंता व्यक्त की थी।
गत 13 दिसंबर की रात को मायोट में आए चक्रवात चिडो की वजह से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। यह 90 साल से भी ज्यादा समय में सबसे शक्तिशाली तूफान था। तूफान ने अब तक 31 लोगों की जान ले ली है, 1,400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और लगभग 70 प्रतिशत आबादी इससे प्रभावित हुई है। तूफान की वजह से घरों, सरकारी इमारतों और एक अस्पताल को नुकसान पहुंचा है। माना जा रहा है कि व्यापक क्षति हुई है। मायोट के मुख्य एयरपोर्ट को नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया है। राहत कार्यों के लिए केवल सैन्य विमान ही उड़ान भर रहे हैं।