मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर से एक सुखद खबर सामने आई है, जहां सुप्रीम कोर्ट ने दलित छात्र अतुल कुमार के मामले में संज्ञान लेते हुए न्याय दिलाया है। बता दें कि अतुल कुमार खतौली क्षेत्र के गांव टिटॉडा का निवासी है, गरीब परिवार से आता है और उसकी IIT की फीस समय पर जमा नहीं हो पाने के कारण उसे परेशानी का सामना करना पड़ा। आर्थिक तंगी के चलते फीस में देरी के कारण वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने उसकी पीड़ा को समझा और न्याय प्रदान किया।
खतौली निवासी दलित छात्र अतुल कुमार ने IIT JEE Advance में सफलता हासिल की है और उन्हें IIT धनबाद में दाखिला मिला है। अतुल के पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं, जिन्होंने मुश्किल से 17,500 रुपये की फीस की व्यवस्था की थी, लेकिन फीस भरने के लिए वेबसाइट बंद हो चुकी थी, जिससे अतुल का एडमिशन हाथ से निकल गया।
इस मामले में आज CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की और कहा, “हम ऐसे युवा प्रतिभाशाली लड़के को जाने नहीं दे सकते।” उन्होंने अतुल के एडमिशन का आदेश देते हुए कहा, “ऑल द बेस्ट, अच्छा करिए!”
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अतुल के घर जश्न का माहौल है। ग्रामीणों ने अतुल के घर पर ढोल-नगाड़े बजाकर मिठाई बांटी और सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने न केवल अतुल को न्याय दिलाया है, बल्कि उसके भविष्य को भी संवारने में मदद की है।
अतुल अब पढ़ाई जारी रखकर इंजीनियर बनने का सपना देख रहा है, जिससे उसके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है। इस निर्णय ने न केवल अतुल के भविष्य को सुरक्षित किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सुप्रीम कोर्ट प्रतिभा और शिक्षा के प्रति संवेदनशील है। अतुल अब अपने सपनों को साकार करने के लिए तैयार है।