Wednesday, June 26, 2024

ऋग्वेद दर्शनशास्त्र की सबसे पुरानी पुस्तक : फैकल्टी ऑफ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी

नई दिल्ली। मनुष्य को ज्ञात दर्शनशास्त्र की सबसे पुरानी पुस्तक ऋग्वेद है। यह बात ब्रिटेन स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक विद्वान प्रोफेसर ने कही। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के यह प्रोफेसर शौनक ऋषि दास आईआईएम रोहतक के छात्रों को गेस्ट लेक्चर देने भारत आए हैं।

गौरतलब है कि इंडियन नॉलेज सिस्टम, आईआईएम रोहतक के एमबीए कार्यक्रम का हिस्सा है। इस पाठ्यक्रम में महाभारत, वेदों और उपनिषदों के प्रबंधन और व्यापार सिद्धांत हैं। आईआईएम का कहना है कि महाभारत में हमारे पास ऐसे कई उदाहरण हैं, जो प्रबंधन और व्यापार की सीख देते हैं।

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आईआईएम रोहतक में प्रोफेसर शौनक ने भी ‘भारतीय ज्ञान से नेतृत्व’ विषय पर छात्रों को जानकारी दी। प्रोफेसर दास, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ऑक्सफोर्ड सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज के निदेशक हैं।

प्रो. दास ने अपने संबोधन की शुरुआत खुशी की शब्दावली से की। उन्होंने कहा, “अनंत काल का यह विचार एक भारतीय विचार है, जो सरल दार्शनिक प्रश्न पूछकर आया है।”

प्रोफेसर दास ने दुनिया पर महात्मा गांधी के प्रभाव का उदाहरण देते हुए प्रेम और करुणा जैसे सकारात्मक गुणों के महत्व पर जोर दिया। प्रोफेसर दास ने कहा, “मनुष्य को ज्ञात दर्शनशास्त्र की सबसे पुरानी पुस्तक ऋग्वेद है। भारतीय ज्ञान की एक और महत्वपूर्ण अवधारणा है ऋत- ब्रह्मांड अत्यधिक व्यवस्थित है और ब्रह्मांड में व्यवस्था है। यह व्यवस्था समग्र है और धर्म, कर्म, सेवा और यज्ञ की बात करता है। यह व्यवस्था अंत: संबंध के बारे में बात करती है, जो प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ”रीता ने रितु को उत्पन्न किया जो साइकिल यानी चक्र के बारे में बात करती है, उनमें से एक चक्र है लेन – देन। यह चक्र व्यापार के लिए अहम है। जब उत्थान होगा तो पतन भी होगा।”

प्रोफेसर दास ने छात्रों से धर्म का पालन यानी सही काम करना और सेवा करने के लिए कहा। आईआईएम रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने बताया कि उनके एमबीए पाठ्यक्रम में ‘भारत के ज्ञान’ और भारतीय ज्ञान के महत्व को प्रस्तुत किया गया है। प्राचीन भारतीय ज्ञान पर पाठ्यक्रम आईआईएम रोहतक के मुख्य एमबीए कार्यक्रम का हिस्सा है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को भारत के ऐतिहासिक आख्यानों से मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जिसमें महाभारत, वेदों और उपनिषदों जैसे महाकाव्यों में पाए गए प्रबंधन और व्यापार सिद्धांतों पर जोर दिया गया है।

प्रोफेसर शर्मा ने कहा, “महाभारत में हमारे पास ऐसे कई उदाहरण हैं, जो प्रबंधन और व्यापार की सीख देते हैं।”

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