नई दिल्ली। नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मानसूनी बारिश और नेपाल के नारायणी नदी में पानी छोड़े जाने से भारत के तराई इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ अलर्ट जारी कर दिया है। नेपाल की तरफ से आज 4 लाख 41 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे सोहगीबरवा समेत कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया। वहीं सैकड़ों एकड़ फसल भी जलमग्न हो गई। जिलाधिकारी ने नदियों में बढ़ते जल स्तर के दृष्टिगत झूलनीपुर बैराज और सोहगीबरवा क्षेत्र का निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया और सभी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में बहने वाली नारायणी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया।
वहीं घुघली ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम सभा बारी गांव पश्चिम टोला के सिवान में मौन नाले के टूटने की वजह से भी फसलों को नुकसान पहुंचा। पानी रिहाइशी इलाके में भी पहुंच गया। जब प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली तो ग्रामीण और किसान यूनियन ने चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। प्रशासन द्वारा सर्वे करा मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिए जाने के बाद यातायात बहाल हुआ। सोहगीबरवा के लोगों ने बताया कि अचानक नदियों का जलस्तर बढ़ने से गन्ने और धान की फसल को नुकसान पहुंचा है और गांव वालों को एक बार फिर बाढ़ का खतरा सता रहा है।
दरअसल, नेपाल से भारतीय क्षेत्र में बहकर आने वाली नदियों और नालों के उफान से हर साल एक तरफ जहां सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है, वहीं जनपद के कई इलाके बाढ़ से पूरी तरह घिर जाते हैं। कई दर्जन गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट जाता है और लोगों को अपना घर बार छोड़कर ऊंची जगहों पर जाने को मजबूर होना पड़ता है। शासन और प्रशासन की तमाम तैयारियों के बावजूद 2021 की मानसूनी बरसात में नेपाल से निकलकर आए आफत के जल ने जमकर तबाही मचाई थी। इससे जनपद के 120 गांव प्रभावित हुए थे तो 66 गांव जलमग्न हो गए थे। नतीजतन हजारों एकड़ फसल, सड़क पुलिया डूब गई थी तो ग्रामीणों को काफी नुकसान पहुंचा था। वहीं इस बार भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।