नोएडा। जनपद गौतमबुद्ध नगर न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश-5 की कोर्ट ने माता-पिता की हत्या में बेटी को दोषी करार दिया है। थाना बादलपुर क्षेत्र के बंबावड़ गांव निवासी कोमल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही उस पर 46 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वर्ष 2016 में कोमल ने प्रेमी प्रमोद शर्मा के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। माता-पिता की हत्या करने से पहले कोमल ने अपने दो भाई व दो बहनों को जहर दे दिया था। हालांकि वे बच गए थे। मामले में अदालत ने दो वर्ष पहले कोमल के प्रेमी प्रमोद शर्मा को भी आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है।
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जिला शासकीय अधिवक्ता रतन सिंह भाटी ने बताया कि वर्ष 2016 के अगस्त माह में बादलपुर के बंबावड़ गांव निवासी ओमप्रकाश ने बादलपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि गाजियाबाद के हसनपुर निवासी प्रमोद शर्मा की गांव में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान थी। एक अगस्त की रात करीब 10 बजे प्रमोद शर्मा अपनी कार से उनके भाई वेदप्रकाश, भाई की पत्नी उकलेश, बेटी कोमल व बेटे राहुल को कहीं पर लेकर गया था। उसी रात करीब पौने दो बजे उनकी भतीजी कोमल ने फोन करके बताया कि वह अस्पताल में है।
चाची से बच्चों का ख्याल रखने को बोला था। उसके बाद 4 अगस्त की रात भतीजी ने भांजे के पास फोन कर बताया कि मम्मी, पापा व भाई को कमरे में बंधक बनाया हुआ है। वह किसी तरह वहां से निकलकर भागी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जिसमें खुलासा हुआ कि कोमल और प्रमोद के बीच प्रेम-प्रसंग था। दोनों ने मिलकर परिवार को खत्म करने की योजना तैयार की थी। प्रेमी के साथ मिलकर कोमल ने अपने दो भाई व दो बहनों को जहर दिया था। उसके बाद तराजू के बांट से पिता के सिर पर हमला कर कर दिया। जिसमें वो बेहोश हो गए। इस बीच एक नाबालिग भाई को होश आ गया और वो उल्टी करने लगा। कोमल ने घायल पिता व भाई को डॉक्टर के दिखाने की बात कहकर मां को भी साथ ले लिया। चैना गांव के पास मां व भाई को कार से नीचे उतार दिया और फिर पिता की तार से गला दबाकर हत्या कर दी व शव को नदी में फेंक दिया। जबकि अगले दिन मां की गला दबाकर हत्या की और शव रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र में फेंक कर फरार हो गए।
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घटना के सात दिन बाद 7 अगस्त को वेदप्रकाश का शव चैना गांव के पास नदी में मिला। उसी दिन पुलिस ने आरोपी प्रमोद की दुकान पर काम करने वाले सलमान को गिरफ्तार किया। वहीं 11 अगस्त 2016 को रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र में महिला का शव मिला। जिसकी शिनाख्त उलकेश के रूप में की गई। चार दिन बाद पुलिस ने प्रमोद शर्मा को गिरफ्तार कर कोमल और राहुल को ढूंढ निकाला। प्रमोद की कार से हत्या में प्रयुक्त तार बरामद किया गया। जांच में कोमल के भी हत्या में शामिल होने के साक्ष्य मिले। सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की तरफ से 13 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इनमें कोमल का नाबालिग भाई भी हैं। दोनों पक्ष को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश-5 चंद्रमोहन श्रीवास्तव की कोर्ट ने कोमल को माता-पिता की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 46 हजार का जुर्माना लगाया।
बताया जा रहा है कि पिता के शव को ठिकाने लगाने के बाद रात को सभी छपरौला में प्रमोद शर्मा के घर पर रुके थे। वहीं अगले दिन गला दबाकर मां की भी हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों नाबालिग को लेकर राजस्थान और मथुरा भी गए थे। वारदात के दौरान कोमल का नाबालिग भाई भी साथ रहा। उल्टी होने के कारण उसे भी साथ ले लिया था। चश्मदीद भाई ने कोर्ट में पूरा घटनाक्रम बयां कर दिया। जो सजा दिलाने में अहम साबित हुआ। इसके अलावा चाचा, डॉक्टर और साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई हैं। पुलिस जांच में दोषी कोमल ने अपने आप को नाबालिग बताया था। हालांकि मेडिकल परीक्षण में उसकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा मिली। जिसके बाद कोमल पर केस चलाया गया।