नई दिल्ली। दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित एक आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में जलभराव के कारण जान गंवाने वाले तीन छात्रों की मौत के बाद अब मामले में नये खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी को लेकर एक महीने पहले ही शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र किशोर ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा, “इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में अवैध रूप से लाइब्रेरी चल रही थी। छात्रों की जिंदगी से कोई खिलवाड़ न हो, इसको लेकर एक महीने पहले 26 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी। लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अगर पहले ही कोई ठोस कदम उठाया गया होता तो आज तीन छात्रों की मौत नहीं होती।” किशोर ने बताया कि उन्होंने लोक शिकायत निदेशक के माध्यम से इंस्टीट्यूट को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। राजेंद्र नगर में अधिकतर इंस्टीट्यूट में अवैध लाइब्रेरी चल रही है। इन लाइब्रेरी में सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम नहीं किए गए हैं। प्रशासन की लापरवाही के कारण ही शनिवार को यहां दुर्घटना हुई है। प्रशासन को पहले ही एक्शन ले लेना चाहिए था। छात्र ने कहा, “इस मामले में सबसे अधिक लापरवाही दिल्ली नगर निगम की है, क्योंकि उसके अधिकारी यहां लोगों से घूस लेते हैं।” उल्लेखनीय है कि इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में जलभराव के कारण जान गंवाने वाले तीनों छात्रों की पहचान हो गई है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मृतकों के नाम श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डालविन हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, श्रेया यादव उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की रहने वाली थी। तान्या सोनी तेलंगाना से और नेविन डालविन केरल के एर्नाकुलम के रहने वाले थे। दिल्ली में शनिवार शाम हुई बारिश के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में पानी भर गया। बेसमेंट में कई छात्र मौजूद थे, जिनमें से कुछ तो बाहर निकल गए। लेकिन, पानी भरने से यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई।