नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को कांग्रेस ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शहर बनाया था। लेकिन, आज भारत की राजधानी उदासीनता का दंश झेल रही है। इस तरह का हादसा होना हम सभी के लिए अत्यंत चिंता की बात है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”राजधानी दिल्ली में सरकार व प्रशासन की आपराधिक लापरवाही के चलते आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन युवाओं की जिंदगी जाना बेहद दुःखद है। उनके परिवारजनों को हमारी गहरी संवेदनाएं। इससे पहले पटेल नगर में जलभराव के कारण, करंट लग जाने से एक अन्य यूपीएससी अभ्यर्थी की जान चली गई।
खबरों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में 8 लोग की जान करंट लगने से गई है।” उन्होंने आगे लिखा, ”दिल्ली को कांग्रेस ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शहर बनाया था। आज भारत की राजधानी उदासीनता का दंश झेल रही है। आए दिन हादसे होते रहते हैं। देश की राजधानी में इस तरह का हादसा होना हम सभी के लिए अत्यंत चिंता की बात है। हमें हमारी राजधानी को बेहतर बनाना होगा ताकि हमारे नागरिक सुरक्षित रहें और यहां रहने व आने वालों को ये भरोसा हो कि देश की राजधानी में उनकी उपेक्षा नहीं होगी।” कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी कोचिंग सेंटर हादसे में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों की मौत पर दुख जाहिर किया।
उन्होंने एक्स पर लिखा, ”दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में हुई त्रासदी ने हमें अंदर तक झकझोर कर रख दिया है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। तीन मासूम छात्रों की जान घोर आपराधिक लापरवाही के कारण चली गई है। यह किसी प्राकृतिक आपदा के कारण नहीं, बल्कि अधिकारियों की ओर से लालच और उदासीनता के कारण हुआ है। हम ऐसी आपदा को होने देने के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।” कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस हादसे पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”दिल्ली की एक कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मृत्यु की घटना हृदयविदारक है।
दिवंगत आत्माओं एवं शोकाकुल परिजनों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूं। हाल ही में पटेल नगर में एक छात्र की करंट लगने से मौत हो गई थी। यह लापरवाही और अव्यवस्था की पराकाष्ठा है कि जो बच्चे दूर-दूर से यहां अपने सपने पूरे करने के लिए आते हैं, उनकी जिंदगी भी उनसे छिन रही है। यह आपराधिक और गैर-जिम्मेदाराना है। इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए और सबसे जरूरी है कि जिन इलाकों में प्रतियोगी छात्र रहते हैं, वहां से हर वो निर्माण, हर गतिविधि, जो अवैध और जानलेवा है, उसे दुरुस्त करना चाहिए।