पटना। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में उनका माइक बंद करने के आरोप को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने सफेद झूठ करार दिया है। केंद्रीय मंत्री ने रविवार को कहा, “नीति आयोग की बैठक में मैं भी मौजूद था। यह पूरी तरह से झूठा आरोप है कि बैठक के दौरान किसी का माइक बंद कर दिया गया था।”
उन्होंने कहा कि माइक का नियंत्रण वहां बैठे किसी व्यक्ति के हाथ में नहीं है। यह नियंत्रण व्यक्ति के खुद की हाथ में है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुनना चाहते थे कि ममता बनर्जी बजट के बारे में क्या कहना चाहती हैं। लेकिन ममता बनर्जी का आचरण गलत था क्योंकि वह भड़क गईं और बैठक बीच में ही छोड़कर चली गईं।
कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के बैठक में शामिल न होने को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि अगर किसी राज्य को लगता है कि उसके साथ अन्याय हुआ है तो नीति आयोग की बैठक उनके लिए सही मंच है जहां वे प्रधानमंत्री के सामने अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग कहते हैं कि भेदभाव हुआ है, उन्हें बता दें कि लंबे समय में पहली बार ऐसा बजट आया है जो 10 साल में देश को विकास की ओर बढ़ता दिखाता है।” महाराष्ट्र के भाजपा नेता प्रवीण दरकेकर ने बजट को लेकर कहा कि कुछ लोगों की ऐसी मंशा है कि अगर सरकार की ओर से कोई अच्छी और लाभकारी बात की जाती है तो उसमें भी वे नकारात्मक कोण खोज लेते हैं। मोदी सरकार का विरोध करना भी इसका एक हिस्सा है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि केंद्र ने इतना अच्छा बजट दिया है। इस बजट का स्वागत किया जाना चाहिए।” संजय राउत के “सरकार जनता को टोपी पहना रही” वाले बयान पर दरकेकर ने कहा कि सब ठीक चल रहा है। सरकार अच्छा काम कर रही है। अब यह चर्चा करना बेतुका है कि किसने टोपी पहनी, किसने मूंछ मुड़वाई। मुख्यमंत्री हमारी महायुति सरकार से ही होगा, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। अपने घर में क्या चल रहा है, संजय राउत इसकी चिंता करें।