Tuesday, April 29, 2025

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा : पति या पत्‍नी का सेक्स से इनकार मानसिक क्रूरता माना जा सकता है

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए फैसला सुनाया है कि पति या पत्‍नी द्वारा लगातार, जानबूझकर और काफी समय तक सेक्स से इनकार किए जाने को मानसिक क्रूरता माना जा सकता है।

निचली अदालत ने एक पति को उसकी पत्नी द्वारा मानसिक क्रूरता के दावे के आधार पर तलाक दे दिया था।

पति ने यह आरोप लगाते हुए तलाक मांगा कि उसकी पत्नी को उसके साथ वैवाहिक घर में रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है और वह चाहती है कि वह उसके साथ अपने माता-पिता के घर में “घर जमाई” के रूप में रहे।

[irp cats=”24”]

उस व्यक्ति ने दावा किया कि उसकी पत्नी ने विभिन्न बहानों से उसे छोड़ दिया, अपनी शादी के बजाय अपने कोचिंग सेंटर को प्राथमिकता दी और उसे यौन संबंध बनाने से मना कर दिया।

अदालत ने पत्नी की अपील पर विचार करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मुद्दे की संवेदनशील प्रकृति के कारण यौन इनकार के आरोपों को सावधानी से निपटाया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि ये दावे अस्पष्ट और अनिर्दिष्ट बयानों पर आधारित नहीं हो सकते, खासकर जब शादी संपन्न हो चुकी हो।

इस मामले में, पति किसी भी मानसिक क्रूरता को साबित करने में विफल रहा, और अदालत ने स्थिति को वैवाहिक बंधन के सामान्य टूट-फूट के रूप में पाया।

इसमें कहा गया है कि कलह मुख्य रूप से पत्नी और उसकी सास के बीच थी, यह देखते हुए कि मामूली चिड़चिड़ाहट को मानसिक क्रूरता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय