मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में नए परिवहन नियमों के विरोध पर सोमवार को असर दिखाई दिया। ट्रक और रोडवेज बसों के ड्राइवरों ने हड़ताल करके बसों का चक्का जाम कर दिया।
नए साल के पहले दिन रोडवेज बसें नहीं चलने पर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ बस और ट्रक चालकों में खासा आक्रोश है। इस कानून के तहत पांच लाख रुपए जुर्माना और दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके खिलाफ यूपी के रोडवेज बस ड्राइवरों ने मोर्चा खोल दिया है। बस चालकों ने सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
बस चालक सतबीर सिंह ने कहा कि जब तक सरकार काले कानून को वापस नहीं लेती तब तक बस नहीं चलायेंगे। सभी चालकों ने बस चलाने से इनकार कर दिया। केंद्र सरकार के नए परिवहन नियमों का ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने भी विरोध किया है। मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर तले कारोबारी विरोध कर रहे हैं।
सोमवार को बस और ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल शुरू कर दी। ड्राइवरों ने रोडवेज बसों का चक्का जाम कर दिया। डिपो से रोडवेज बसें नहीं निकली। बसें नहीं चलने के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था। चालकों ने भैंसाली बस अड्डे, सोहराब गेट बस स्टैंड से बसों को बाहर नहीं निकलने दिया।
रोडवेज के मेरठ परिक्षेत्र के प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक लोकेश राजपूत ने बताया कि ट्रक चालकों ने भैंसाली बस डिपो, मेरठ बस डिपो, सोहराब बस स्टैंड पर बसों को बाहर नहीं निकलने दिया। हमने उन्हें समझाने का प्रयास किया है।