नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी लीगल सेल के दिल्ली की अदालतों में प्रदर्शन के आह्वान पर कड़ी चेतावनी दी है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर दिल्ली की अदालतों में आज कोई प्रदर्शन होता है तो इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे।
बेंच ने सवाल किया कि आखिर कोर्ट में प्रदर्शन कैसे किया जा सकता है। दरअसल आज एक वकील ने कार्यकारी चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के लीगल सेल की ओर से आयोजित होने वाले प्रदर्शनों की शिकायत करते हुए हाई कोर्ट को कल आधीरात को पत्र ई-मेल किया है। तब कोर्ट ने कहा कि इसके गंभीर परिणाम होंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू किए जाएंगे। कोर्ट को बंधक नहीं बनाया जा सकता। पक्षकारों को कोर्ट परिसर में आने से नहीं रोका जा सकता है। आप किसी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी के लीगल सेल ने आज कोर्ट परिसर में प्रदर्शन की घोषणा की है। सेल के दिल्ली के अध्यक्ष और दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्ष संजीव नसीयर ने बयान जारी कर दिल्ली की सभी अदालतों में प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। नसीयर ने कहा है कि दिल्ली की सभी अदालतों में वकील एक जगह जुटेंगे और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध करेंगे। बयान में कहा गया है कि केजरीवाल को 21 मार्च को एक साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया। ऐसे में वकीलों के समुदाय ने तय किया है कि दिल्ली की सभी अदालतों में 27 मार्च को बड़ा प्रदर्शन किया जाए।
संजीव नसीयर के मुताबिक वकील दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट, द्वारका कोर्ट, साकेत कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट , तीस हजारी कोर्ट, रोहिणी कोर्ट और राऊज एवेन्यू कोर्ट में प्रदर्शन करेंगे। गौरतलब है कि केजरीवाल फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं।