गाजियाबाद । दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर हुए भीषण दुर्घटना से लोगों में खौफ है। जिस बस के चलते हादसा हुआ, उसके 2018 से लेकर 2023 तक 18 चालान कट चुके हैं। इन सभी चालान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बस किस तरीके से रोड पर चलते समय ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाती थी।
बस नोएडा के चौधरी टूर एंड ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर्ड थी। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पहले बस नोएडा के ही एक स्कूल में लगी थी। बस से बच्चों को लाने, ले जाने का काम होता था। कुछ दिन पहले ही बस दूसरे इंस्टीट्यूट में लगाई गई थी। जिस वक्त चालान कटे हैं, उस वक्त बस स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों के लिए चलाई जाती थी। उस समय भी बस ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाती थी।
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक बस (यूपी 16 सीटी 7835) नोएडा के चौधरी टूर एंड ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर्ड है। पहले बस नोएडा के विश्व भारती स्कूल के बच्चों को घर से स्कूल लाने और वापस छोड़ने के लिए चलाई जाती थी। वर्तमान समय में बस एक कंपनी, ओरिएंट पैशन, सेक्टर-67, से जुड़ी थी। गाजीपुर में सीएनजी भरवाने के बाद बस ड्राइवर को नंद नगरी जाना था, जहां से निजी कंपनी के कर्मचारियों को लेकर आना था।
लेकिन, बस चालक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मेरठ की ओर से दिल्ली जाने वाली साइड पर पहुंच गया। चालक बहुत तेज गति से बस चला रहा था और इसी दौरान सही लेन में आ रही गाड़ी को जोरदार टक्कर मार दी। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है।
लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि जब इतने ज्यादा चालान थे तो बस चालक पर कार्रवाई क्यों नही की गई?