नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के रिक्त अध्यक्ष के पदों पर शीघ्र नियुक्तियां किये जाने की मांग की।
आजाद ने शून्य काल के दौरान कहा कि संवैधानिक दर्जा प्राप्त इन आयोगों के अध्यक्ष पदों पर नियुक्तियां क्यों नहीं की जा रही हैं, यह समझ से परे है। उन्होंने वंचित और पिछड़े वर्गों से ताल्लुक रखने वाले इन आयोगों के अध्यक्ष पदों पर जल्द से जल्द से नियुक्तियां किये जाने की मांग की।
कांग्रेस की प्रणीति शिंदे ने महाराष्ट्र में मराठा और धनगर समुदाय की आरक्षण की मांग का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि धनगर अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने और मराठा अपने समुदाय के लिये आरक्षण की मांग की कर रहे हैं। इन समुदायों की मांग मानी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार सरकारी संस्थानों और कंपनियों का निजीकरण कर रही है जिससे आरक्षित वर्ग के लोगों के हक मारे जा रहे हैं। उन्होंने जातिगत जनगणना भी जल्द कराये जाने की मांग की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनिल फिरोजिया ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत बच्चों को स्नातक तक मुफ्त शिक्षा दिये जाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत बच्चों को एक से आठवीं कक्षा तक ही शिक्षा दी जाती है, जिससे उनका भविष्य संवर नहीं पाता। इस कानून के तहत शिक्षा प्राप्त करने वाले अधिकतर बच्चे गरीब और वंचित वर्ग से होते हैं, अत: वे आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई के लिये फीस भर नहीं पाते और उनकी शिक्षा अधूरी ही रह जाती है। उन्होंने सरकार से शिक्षा के अधिकार कानून के तहत बच्चों की शिक्षा स्नातक तक किये की मांग की।