नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिनेश शर्मा ने बुधवार को राज्यसभा में संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार पर जोर देने की अपील करते हुए कहा कि इसको प्राथमिक और माध्यमिक कक्षों के लिए अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।
शर्मा ने सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि संस्कृत अधिकांश भाषाओं की जननी है और यह आदिकाल की भाषा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भाषाओं में स्कूलों में पढ़ाये जाने के कारण संस्कृत की उपेक्षा हो रही है और अब इसकी पढ़ाई नहीं हो रही है। इसके मद्देनजर सरकार को इसके प्रचार प्रसार पर जोर देना चाहिए और इसको प्राथमिक एवं माध्यमिक कक्षों के लिए अनिवार्य बनाना चाहिए। उच्च शिक्षा में भी इसको बढ़ावा देने की जरूरत है तथा इस पर शोध आदि करने वाले छात्रों को अधिक छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए।
भाजपा के महेन्द्र भट्ट ने बाढ़ , भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से दी जाने की सहायता राशि को बढ़ाये जाने की मांग करते हुए कहा कि पहाड़ी विशेषकर उत्तराखंड में अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोगों के पक्के घर नहीं होते हैं, जिसके कारण उन्हें आपदा राहत कोष से सहायता नहीं मिलती है। भूस्खलन में खेतों के नष्ट होने पर भी कोई मुआवजा नहीं मिलता है और संबंधित भूमि खेती लायक भी नहीं बचती है।
उन्होंने कहा कि इससे संबंधति दिशा निर्देशों में परिस्थितियों के अनुरूप बदलाव किये जाने की जरूरत है तथा राज्य आपदा राहत काेष के निर्देशों में भी यह बदलाव किया जाना चाहिए ताकि पत्थर और मिट्टी से बने मकानों के लिए सहायता मिल सके।
भाजपा की कविता पाटीदार ने स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए ट्रेनों में विशेष सुविधा दिये जाने की मांग करते हुए कहा कि कुछ ट्रेनों में कुछ सीटों पर यह सुविधा दी गयी है, लेकिन इस तरह की सुविधा सभी ट्रेनों में होनी चाहिए। इसके साथ ही हर ट्रेन में एक ऐसा स्थान बनाये जाने की जरूरत है जहां स्तनपान कराने वाली माताएं अपने बच्चे को स्तनपान करा सके। ट्रेन की सभी बोगी आपस में जुड़ी होती है इसलिए इस तरह की सुविधा किसी भी एक कोच में की जा सकती है।
भाजपा के मिथलेश कुमार ने चार लोगों वाले परिवार को आयुष्मान कार्ड जारी करने में आ रही दिक्कतों का उल्लेख करते हुए कहा कि अभी छह सदस्यीय परिवार को ही यह कार्ड मिल रहा है और चिकित्सा सेवाएं मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए 2011 की जनगणना में गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को आधार माना गया है, लेकिन अब स्थिति अलग हो चुकी है। अब चार लोगों के परिवार को भी इसमें शामिल किये जाने और आयुष्मान कार्ड जारी किये जाने चाहिए ताकि देश की अधिकांश आबादी को इस योजना का लाभ मिल सके।