शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में सोमवार को भारत मुक्ति मोर्चा एवं बहुजन क्रांति मोर्चा के बैनर तले दर्जनों कार्यकर्ताओं, महिलाओं और पुरुषों ने कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ईवीएम प्रणाली को खत्म करने, जातिगत जनगणना कराए जाने, तथा केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी सहित अन्य कई मुद्दों को लेकर नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय की ओर मार्च किया। बाद में उन्होंने एडीएम (न्यायिक) परमानंद झा को ज्ञापन सौंपा और खुद को जेल भेजे जाने की मांग की।
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प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन में कहा कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ईवीएम प्रणाली को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए, क्योंकि यह मतदाताओं के मौलिक अधिकारों का हनन करती है। उन्होंने जातिगत जनगणना को संविधानिक आवश्यकता बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग की जाति आधारित गणना से इनकार करना पिछड़े वर्गों को योजनाओं और आरक्षण जैसे अधिकारों से वंचित करने की साजिश है।
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संगठन के पदाधिकारियों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे आरएसएस और भाजपा की “विचारधारा की झलक” बताया और कहा कि बहुजन महापुरुषों का निरंतर अपमान बेहद निंदनीय है। प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री से तत्काल इस्तीफे की मांग की।
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प्रदर्शनकारियों ने बौद्ध गया स्थित महाबोधि महाविहार को बहुजन समाज की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर बताया और आरोप लगाया कि वर्तमान में उस पर ब्राह्मण पुजारियों का कब्जा है। उन्होंने मांग की कि इसे बौद्ध अनुयायियों के नियंत्रण में सौंपा जाए। साथ ही, वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26 और 29 का उल्लंघन करार दिया गया और आरोप लगाया गया कि इससे वक्फ की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी तथा संपत्तियों पर भूमाफिया और पूंजीपतियों का कब्जा हो सकता है।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि यह आंदोलन सिर्फ शामली में नहीं, बल्कि देशभर के सैकड़ों जिलों में चलाया जा रहा है। उन्होंने सरकार पर लोकतांत्रिक और सामाजिक अधिकारों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रव्यापी जेल भरो आंदोलन को जनचेतना की लहर बताया।