लखनऊ – गोरखपुर मंदिर हमले के आरोपी अब्बास अली मुर्तजा को फांसी की सजा दिलाने का श्रेय उत्तर पुलिस पुलिस की अभियोजन इकाई को देते हुये पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों की तत्पर कार्रवाई के बाद अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी के कारण ही मात्र 60 दिनों के ट्रायल में अदालत ने आतंकी को मौत की सजा सुनायी है।
श्री चौहान ने सोमवार शाम एक बयान में कहा कि तीन अप्रैल 2022 को भारत के आस्था का केंद्र गोरक्षपीठ पर एक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुये अब्बास अली मुर्तजा को गिरफ्तार किया था। बाद में इसकी गतिविधियों को देखते हुये मामले की जांच यूपी पुलिस के आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) को दी गयी। एटीएस के साथ राज्य की अन्य एजेंसियों को लगाया गया था। गहराई से जांच करने पर पता चला कि गिरफ्तार आतंकी खतरनाक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का लोकल वुल्फ था जो टेरर फडिंग में एक्सपर्ट था।
उन्होने बताया कि आईआईटी मुबंई से पढ़े लिखे मुर्तजा को टेक्नालाजी में महारथ हासिल थी। इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म से मास्किंग करना,आतंकी साहित्य का इलेक्ट्रानिक फार्मेट में प्रचार प्रसार करना और आइएस के आतंकियों के संपर्क में रहना अपनी गतिविधियों में शामिल था। सीरिया में बैठे दुर्दांत आतंकियों से इसके संपर्क थे और यह वहां लड़ाके भेजने की फिराक में रहता था।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि आतंकी को गिरफ्तार करने के बाद यूपी एटीएस ने ताबड़तोड कार्रवाई की और समय से चार्जशीट फाइल की। केस ट्रायल पर आने के बाद में अभियोजन विभाग ने प्रभावी पैरवी की जिसका सुखद परिणाम है कि 60 दिनों के भीतर आतंकी को 121 आईपीसी एवं यूएपीए की अन्य धाराओं में आतंकी का दोष सिद्ध हुआ और इसे फांसी की सजा सुनायी गयी है।
उन्होने कहा “ यह दर्शाता है कि यूपी पुलिस की कार्यशैली और प्रदेश की न्याय प्रणाली में कितना अधिक सुधार हुआ है। जनता में इसका सकारात्मक संदेश गया है कि ऐसे तत्व जो देश की एकता,अखंडता और सामाजिक सौहाद्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी करते हैं तो उनके खिलाफ कडी कार्रवाई होती है।
यूपी एटीएस,एसटीएफ और अन्य जिला पुलिस में सबसे ज्यादा काम अभियोजन पक्ष की मजबूती को लेकर हो रहा है। हम माफिया,गैंगस्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद सोचते हैं कि अब हमारा असली काम शुरू होता है। ऐसे अवांछनीय तत्वों को प्रभावी पैरवी के जरिये ऐसी सजा जो आम लोगो के मन मस्तिष्क पर प्रभाव छोड़े, दिलाने का काम यूपी पुलिस कर रही है।”