Wednesday, January 22, 2025

नोएडा में डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में तीन पर केस दर्ज

नोएडा। फर्म खोलकर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में न्यायालय के आदेश पर तीन लोगों के खिलाफ सेक्टर-63 थाने में केस दर्ज हुआ है। मैसर्स ईला होम फैशन कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी हरियाणा निवासी देवेश गुप्ता ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उनकी कंपनी के पानीपत स्थित प्लांट में टेक्सटाइल्स मैन्युफैक्चरिंग का काम होता है। देवेश की मुलाकात करीब 16 साल पहले 2006-07 में नोएडा निवासी नीला माधव पांडा उर्फ नील से हुई।
साक्षात्कार समेत अन्य औपचारिकता पूरी करने के बाद उसे कंपनी में बिजनेस डेवलेपमेंट मैनेजर के पद पर नियुक्त किया गया। नीला माधव ने कारोबार बढ़ाने के लिए नोएडा में एक कंपनी खोलने की सलाह शिकायतकर्ता को दी। परिचित होने के कारण शिकायतकर्ता ने नीला माधव की बात मानते हुए  2019 में सेक्टर-65 में कंपनी की एक यूनिट स्थापित कर दी गई।
इस दौरान नीला माधव और गाजियाबाद के कुशल ने स्टाफ भी नियुक्त कर दिया। कंपनी में ओमदत्त शर्मा वरिष्ठ लेखाधिकारी के पद पर काम करने लगा। दिसंबर 2020 में तीनों आरोपियों ने सलाह दी कि टैक्स की बचत करने के लिए एक अन्य नाम से कारोबार किया जाए। इस दौरान नीला माधव ने पहले से ही रजिस्टर्ड मैसर्स वन सो इन्कार्पोरेशन नामक प्रापराइटरशिप फर्म का सुझाव दिया। झांसे में आकर शिकायतकर्ता ने अपने कारोबार को आरोपियों द्वारा बताई फर्म के नाम से काम शुरू कर दिया।
झांसे में लेने के लिए प्रारंभिक चरण में आरोपियों ने पूरी ईमानदारी से काम किया और काम को लेकर भी पारदर्शिता दिखाई। थोड़ा समय बीतने के बाद विक्रेताओं की शिकायतें मिलने लगीं कि आरोपियों ने बिलों का भुगतान करना बंद कर दिया है जिससे संबंधित कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। इसके बाद कंपनी की ओर से आंतरिक जांच बिठाई गई,जिसमें सामने आया कि नीला माधव अपनी पत्नी अलका भारती को फर्जी तरीके से एक लाख रुपये वेतन जारी कर रहा था, जबकि वह मार्च 2022 से कंपनी में काम नहीं कर रही हैं।
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शिकायतकर्ता ने संबंधित लोगों ने नाता तोड़ लिया और अलग होने की बात कही। जांच के दौरान ही पता चला कि आरोपियों ने  एक अमेरिकन कंपनी से करोड़ों रुपये का वर्क आर्डर लिया हुआ है। जिसके 30 प्रतिशत यानि 50 लाख रुपये का भुगतान भी प्राप्त हो चुका है।
आरोप यह भी है कि आरोपियों ने ओवर बिलिंग और फर्जी दस्तावेज के आधार पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की गई है। पीड़ित ने मामले की शिकायत पूर्व में सेक्टर-63 थाने में की थी पर सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
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